BSNL Hacking : सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के डेटा में एक बड़ी सेंधमारी का मामला सामने आया है, जिससे लाखों लोगों की जानकारियाँ खतरे में पड़ गई हैं। दरअसल एक हैकर, जिसने खुद को kiberphant0m नाम दिया है, ने डेटा चोरी की जिम्मेदारी लेते हुए इसे डार्क वेब पर बेचने की पेशकश की है। जिसके बाद अब यह घटना देश की साइबर सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे की घंटी बजा रही है।
लाखों लोगों की जानकारियाँ खतरे में:
दरअसल एथेनियन टेक द्वारा जारी की गई थ्रेट इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, kiberphant0m नामक हैकर ने बीएसएनएल के डेटा को हैक किया है। इस हैकिंग से हैकर को बड़ी मात्रा में संवेदनशील जानकारी हाथ लगी है, जानकारी के अनुसार जिससे लाखों लोगों पर फ्रॉड और सिम क्लोनिंग जैसे खतरे मंडरा रहे हैं।
हैकर द्वारा चुराए गए डेटा में निम्नलिखित महत्वपूर्ण जानकारियाँ शामिल हैं:
इंटरनेशनल मोबाइल सब्सक्राइबर आइडेंटिटी (आईएमएसआई) नंबर: सिम कार्ड के संचालन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, जिसके बाहर आने से सिम क्लोनिंग का खतरा बढ़ जाता है।
सिम कार्ड इंफॉर्मेशन: सिम कार्ड की विवरणी, जिससे यूजर्स की सुरक्षा पर खतरा हो सकता है।
होम लोकेशन रजिस्टर (एचएलआर) डिटेल्स: नेटवर्क ऑपरेशन और यूजर ऑथेंटिकेशन के लिए महत्वपूर्ण डिटेल्स।
डीपी कार्ड डेटा: 8 जीबी का डेटा, जो नेटवर्क की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है।
डीपी सिक्योरिटी डेटा: 130 जीबी का डेटा, जो बीएसएनएल के सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवश्यक है।
बीएसएनएल के सोलारिस सर्वर के स्नैपशॉट: जिससे ऑपरेशनल सीक्रेट्स के खुलासे का खतरा है।
डेटा चोरी से उत्पन्न खतरे:
दरअसल आईएमएसआई और सिम डिटेल्स के लीक होने से सिम क्लोनिंग का खतरा बढ़ जाता है, जिससे यूजर्स के बैंक खातों और अन्य संवेदनशील जानकारियों की चोरी हो सकती है। एचएलआर डिटेल्स के लीक होने से नेटवर्क ऑपरेशन और यूजर ऑथेंटिकेशन में परेशानी आ सकती है। डीपी कार्ड और सिक्योरिटी डेटा के बाहर आने से बीएसएनएल के सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को गंभीर खतरा हो सकता है।
इसके साथ ही हैकर ने बीएसएनएल के सर्वर से चुराए गए डेटा को डार्क वेब पर 5,000 डॉलर (लगभग 4 लाख 17 हजार रुपये) में बेचने की पेशकश की है। दरअसल एनालिस्ट्स का कहना है कि इस भारी-भरकम कीमत से यह अंदेशा लगाया जा सकता है कि हैकर के पास वास्तव में महत्वपूर्ण डेटा है।