Business Idea: रद्दी कागज और कार्डबोर्ड से शुरू करें अंडे के Tray का बिजनेस, पॉकेट में आयेगी मोटी रकम

Manisha Kumari Pandey
Published on -

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। छोटा-मोटा बिजनेस (Business Idea) आपको तगड़ा मुनाफा दे सकता है। ‌हालांकि। आप घर में अंडे को लाते ही हैं। अंडों के साथ आपको ट्रे भी मिलता ही होगा। अपने कभी सोचा है, अंडे का नॉर्मल सा ट्रे आपको तगड़ा मुनाफा दे सकता है और आप इससे बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं। अंडे के ट्रे का बिजनेस आपको मालामाल बना सकता है। कम लागत में बंपर मुनाफा आपको हो सकता है। यदि आपने स्टार्टअप बिजनेस के बारे में सोच रहे हैं तो अंडे के ट्रे का बिजनेस शुरू कर सकते हैं। आइए जाने आप कैसे अंडे के ट्रे को बिजनेस का शानदार जरिया बना सकते हैं।

यह भी पढ़े… Tecno ने लॉन्च किया अपना पहला लैपटॉप Megabook T1, फुल चार्ज करने पर 17 घंटे चलेगा लैपटॉप, जानें

आपको अंडा ट्रे बनाने के लिए रद्दी कागज, रद्दी कार्डबोर्ड, पेपर ट्यूब और कास्टिक सोडा की जरूरत पड़ेगी। बाजार में आपको सभी समाग्री बहुत सही कीमत में मिल भी जाएगी। अंडा ट्रे बनाने के लिए आपको कागज काटने वाली मशीन, पेपर पेल्पिंग माशिन, फॉर्मिंगश की मशीन और सुखाने वाली मशीन की जरूरत पड़ेगी। कागज का अंडा ट्रे बनाने की प्रक्रिया में सबसे पहले रद्दी कार्डबोर्ड और पेपर को को अच्छे से साफ किया जाता है और उसके धूल को पीट-पीटकर निकाला जाता है।

यह भी पढ़े… Bigg Boss 16 में ग्लैमर का तड़का लगाएंगी Nusrat Jahan? शो में आएंगी नजर

फिर इसे अच्छे से काटकर छोटे-छोटे टुकड़ों में बदल जाता है। उसके बाद मशीन की मदद से कटे हुए बर्बाद कागज के टुकड़ों को एक हाइड्रोलिक में डालकर पानी के साथ मिलाकर उसे ठोस बना दिया जाता है। फिर उसमें कास्टिक सोडा मिलाकर थोड़ी देर छोड़ने के बाद एक पंप के जरिए टैंक में रखा जाता है। फॉर्मिंग्श की मशीन की सहायता से इन कागजों  के इस मटेरियल को अंडे की ट्रे की शक्ल में बदल दिया जाता है। फिर इसे अच्छे से सुखाया जाता है। उसके बाद ही इसकी पैकेजिंग शुरू की जाती है। पैकेजिंग के वक्त थोड़ा आधीक ध्यान देने की जरूरत होती है। क्योंकि यह काफी नाजुक होते हैं। फिर बारी इसके बिक्री की आती है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News