नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार को 2021-22 की मार्च तिमाही के साथ-साथ पूरे वित्त वर्ष (FY22) की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी GDP के आंकड़े पेश कर दिए हैं। ये आंकड़े अर्थव्यवस्था का ताजा हाल पेश करने वाले हैं। इसके मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में देश की जीडीपी 8.7 फीसदी की दर से बढ़ी। इसके पहले वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 6.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।
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आपको बता दें कि भारत की विकास दर FY 2021-22 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही की तुलना में थोड़ी कमजोर रही। अगर सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो 31 मार्च को समाप्त हुई चौथी तिमाही में जीडीपी की रफ्तार 4.1 फीसदी रही है। इससे पहले अक्तूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 5.4 फीसदी रही थी। अनुमान जताया था।
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गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही (अप्रैल, मई और जून) में GDP ग्रोथ 20.1% रही थी। दूसरी तिमाही (जुलाई, अगस्त और सितंबर) में GDP ग्रोथ रेट 8.4% रफ्तार से बढ़ी थी। मार्च तिमाही में GVA ग्रोथ (YoY) 5.7% से घटकर 3.9% हो गई। पूरे साल यानी FY22 में GVA ग्रोथ 8.1% रही जो कि एक साल पहले यानी FY21 में 4.8% थी।
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GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। यह दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैल्कुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है।