NPS Investment Plan: रिटायरमेंट के बाद आर्थिक समस्याओं से बचने के लिए लोगों लॉंग टर्म स्कीम्स को बेहतर विकल्प समझते हैं। भारत सरकार भी वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चलाती है। जिसके तहत हर महीने पेंशन की सुविधा प्रदान की जाती है। ऐसे ही खास और लॉंग टर्म योजनाओं में से एक “नेशनल पेंशन सिस्टम” है। यह एक लॉंग टर्म रिटायरमेंट सेविंग्स स्कीम है, जिसका संचालन पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट ऑथोरिटी द्वारा होता है।
पर सेक्शन 80C के तहत किसी भी वेतनभोगी कर्मचारी की तरफ से एनपीएम में 10 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूशन और स्वनियोजित के लिए कुल इनकम का 20 फीसदी योगदान 2.5 लाख रुपये तक की छूट के अंतर्गत आता है। वहीं धारा 80CCD (1) के तहत 1.5 लाख रुपये के लिमिट से ऊपर स्कीम में अधिकतम 50 हजार रुपये का निवेश करने पर एडिशनल डिडक्शन क्लेम की सुविधा भी मिलती है। इंप्लॉयर की ओर से कर्मचारी के एनपीएस अकाउंट में योगदान के बिना किसी अधिकतम सीमा के वेतन के 10 फीसदी पर भी टैक्स छूट मिलता है। इसके अलावा कॉपर्स के एक भाग से एनुइटी खरीदने का हिस्सा भी टैक्स फ्री होता है। हालांकि एनुइटी से प्राप्त पेंशन पर टैक्स भुगतान करना होता है।
योजना में निवेश करने की न्यूनतम आयु सीमा 18 साल और अधिकतम 65 साल है। कोई भी भारतीय नागरिक और एनआरआई स्कीम का लाभ उठा सकता है। 60 साल क उम्र पूरी होने के बाद भी निवेशक 10 साल के लिए खाते को एक्सटेंड करवा सकते हैं। दो तरह के NPS अकाउंट होते हैं। टियर 1 एक नॉन-विदड्रॉएबल पेंशन अकाउंट होता है। वहीं टियर 2 वॉलन्टरी सेविंग्स अकाउंट होता है, जिससे आप कभी भी अपनी जमा राशि निकाल सकते हैं। बता दें कि ज्यादातर टैक्स बेनेफिट्स टियर 1 में मिलते हैं। निवेशक अलग-अलग असेट क्लास का चयन कर सकते हैं। कॉर्पोरेट बॉन्ड, इक्विटी और सिक्योरिटीज में निवेश करने के विलकप दिए जाते हैं।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News किसी भी योजना में निवेश करने की सलाह नहीं देता।)