हिंदू धर्म में देवी देवताओं को विशेष महत्व दिया गया है। व्यक्ति अपने जीवन में सुख, समृद्धि, तरक्की, धन और बरकत की प्राप्ति के लिए देवी देवताओं की पूजन पाठ जरूर करता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में देवी देवताओं की पूजन होती है वहां पर हमेशा खुशहाली छाई रहती है।
वैसे तो हम सभी देवी देवताओं की पूजन करते हैं लेकिन हर व्यक्ति का कोई ना कोई ईष्ट देव होता है, जिसे वह बहुत मानता है। यही कारण है कि सभी देवताओं को पूजने का अलग-अलग तरीका है। इन्हें पूजने के तरीके के साथ कुछ नियम भी होते हैं, जिनका ध्यान रखना जरूरी होता है।
महादेव की पूजन
महादेव एक ऐसे देवता है, जिन्हें देवों का भी देव कहा जाता है। जो उनकी पूजन करता है उसके सभी संकट दूर होते हैं और जीवन में सदा खुशहाली बनी रहती है। भोलेनाथ अपने नाम की तरह भोले हैं और अगर उन्हें कोई एक लोटा जल भी चढ़ा दे तो वह प्रसन्न हो जाते हैं। अक्सर हम शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं, जिससे हमें विशेष कृपा की प्राप्ति होती है। जब हम जल चढ़ा रहे हैं, उस समय अगर कुछ नियमों का पालन कर लिया जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी की जा सकती है। चलिए इस बारे में जान लेते हैं।
जल चढ़ाने के नियम (Astro Rules)
- शिवलिंग पर जब भी जल अर्पित करें। इसके लिए सोने, चांदी, पीतल या तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए।
- हमेशा याद रखे हैं कि जल आपको धीरे-धीरे अर्पित करना है। एक साथ उड़ेलना नहीं है।
- जल अर्पित करने के बाद कभी भी शिवलिंग की परिक्रमा नहीं की जाती है। याद रखें भोलेनाथ की परिक्रमा हमेशा आधी होती है।
- जब आप जल अर्पित कर रहे हैं उस समय अगर उत्तर दिशा की ओर मुख रखें तो शुभ परिणाम की प्राप्ति होती है।
- शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि उत्तर, पूर्व और पश्चिम दिशा में शिवजी की पीठ और कंधा होता है।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।