Infosys Tax Notice: 32 हजार करोड़ की टैक्स चोरी के मामले में इंफोसिस से कर्नाटक जीएसटी विभाग ने वापस लिया नोटिस, पढ़ें यह खबर

Infosys Tax Notice: देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस के टैक्स चोरी मामले में एक बड़ी अपडेट सामने आई है। दरअसल जीएसटी विभाग ने उसे जारी किया गया प्री-शो कॉज नोटिस वापस ले लिया है।

Rishabh Namdev
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Infosys Tax Notice: देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस को टैक्स चोरी के मामले में राहत मिलती हुई दिखाई दी है। दरअसल कंपनी ने जानकारी दी है कि कर्नाटक जीएसटी विभाग ने उसे जारी किया गया प्री-शो कॉज नोटिस वापस ले लिया है। वहीं अब कंपनी को निर्देश दिया गया है कि वह अपना जवाब डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) को सौंपे।

दरअसल 1 अगस्त को इंफोसिस ने शेयर बाजार को एक रेगुलेटरी फाइलिंग के माध्यम से सूचित किया कि कर्नाटक स्टेट अथॉरिटीज ने उसे बताया है कि प्री-शो कॉज नोटिस वापस ले लिया गया है। कर्नाटक जीएसटी विभाग ने कंपनी को निर्देश दिया है कि वह अपना जवाब डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) के पास जमा करे।

जीएसटी अथॉरिटी ने कंपनी को एक नोटिस जारी किया था

जानकारी दे दें कि यह मामला जीएसटी से संबंधित एक विवाद का है, जिसमें इंफोसिस पर 32 हजार करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी का आरोप है। दरअसल पहले कर्नाटक जीएसटी अथॉरिटी ने कंपनी को एक नोटिस जारी किया था, इसके बाद डीजीजीआई ने भी इस मुद्दे पर नोटिस भेजा था। अब, कर्नाटक जीएसटी ने पहले भेजे गए नोटिस को वापस ले लिया है।

जानिए क्या है पूरा विवाद?

दरअसल विवाद की शुरुआत तब हुई जब इंफोसिस ने 31 जुलाई को शेयर बाजार को सूचित किया कि उसे जीएसटी विभाग से एक टैक्स नोटिस प्राप्त हुआ है। इस नोटिस में 32,403 करोड़ रुपये की मांग की गई है, जो 2017 से 2022 के बीच कंपनी की विदेशी शाखाओं से प्राप्त सेवाओं के संबंध में है। जीएसटी विभाग का आरोप है कि इंफोसिस ने इन सेवाओं के लिए अपनी विदेशी शाखाओं को भुगतान किया है और इसे खर्च के रूप में दर्शाया है। इसके परिणामस्वरूप, कंपनी पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत 32,403.46 करोड़ रुपये का इंटीग्रेटेड जीएसटी बकाया है।

जानिए क्या है कंपनी का कहना?

वहीं इंफोसिस ने टैक्स बकाया के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है। कंपनी का कहना है कि वह सभी नियमों का पालन करती है और सभी संबंधित टैक्स बकायों का भुगतान पहले ही कर चुकी है। इसके आधार पर, कंपनी का कहना है कि उस पर कोई भी टैक्स बकाया नहीं है। इंफोसिस ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने किसी भी प्रकार की जीएसटी चोरी नहीं की है और उसके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से असत्य और बेबुनियाद हैं।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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