टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी अपडेट, 1 अक्टूबर से GST पोर्टल पर मिलेगा नया फीचर, ITC क्लेम करना होगा आसान, जानें अन्य फायदे  

1 अक्टूबर से जीएसटी पोर्टल पर नया इनवॉयस मैनेजमेंट सिस्टम उपलब्ध होगा। इस प्रणाली के जरिए टैक्सपेयर्स अनीक सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे।

Manisha Kumari Pandey
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GST New Invoice Management System: जीएसटी भरने वालों के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है। गुड्ज़ एंड सर्विसेस टैक्स नेटवर्क जीएसटी पोर्टल पर नया इनवॉयस मैनेजमेंट सिस्टम यानि IMS लॉन्च करने वाला है। टैक्सपेयर्स को 1 अक्टूबर से इस सुविधा का लाभ मिलेगा।

आईएमएस के जरिए टैक्सपेयर्स सही इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को आसानी से क्लेम कर पाएंगे। अपूर्तिकर्ताओं की ओर से जारी रिकॉर्ड या बिलों का मिलान कर पाएंगे। सीधा पोर्टल से चालान (Invoice) को स्वीकार, अस्वीकार और लंबित रखने की सुविधा करदाताओं को मिलेगी।

IMS के फायदे (Invoice Management System Benefits) 

इस फीचर के तहत करदाताओं को कई फायदे होंगे। वे अपने आईटीसी क्लेम का हिस्सा बनने से पहले प्रत्येक इनवॉयस की समीक्षा कर पाएंगे। साथ ही सटीकता सुनिश्चित करके ऑडिट के दौरान होने वाली समस्याओं से बच सकते हैं। पेंडिंग इनवॉयस को भविष्य की कर अवधि में संबोधित करने की सुविधा भी मिलेगी। त्रैमासिक रिटर्न मासिक भुगतान (QRMP) योजना का इस्तेमाल करने वालों के मौजूदा प्रक्रिया से आईएमएस जुड़ा होगा। जिससे उनके दाखिल करने के कार्यक्रम के अनुरूप तिमाही आधार पर जीएसटीआर- 2बी तैयार होगा। इसके अलावा टैक्सपेयर्स अपने जीएसटीआर-3बी फ़ाइल करने से पहले कभी भी इनवॉयस कार कार्रवाई कर पाएंगे।

ऐसे काम करेगा आईएमएस (Know How IMS Will Work)

आपूर्तिकर्ता द्वारा अपने जीएसटीआर-1 में इनवॉयस को सेव करते ही प्राप्तकर्ता टैक्सपेयर के आईएमएस डैशबोर्ड में यह दिखाई देगा। जिसके बाद प्राप्तकर्ता इनवॉयस के लिए Accept/Reject/Pending के ऑप्शन को चुन सकता है। स्वीकार करते ही इनऑयस पात्र आईटीसी के रूप में प्राप्तकर्ता के जीएसटीआर-2बी का हिस्सा बन जाएगा। फिर यही संबंधित टैक्स पीरियड के लिए उनके जीएसटीआर-3बी में आ जाएगा। इनवॉयस पर कोई कार्रवाई न करने पर इसे स्वीकृत माना जाएगस। गलतियों को कम करने के लिए नया सिस्टम यह सुनिश्चित करेगा की सिर्फ वास्तविक और वेरीफाइड इनवॉयस आईटीसी क्लेम कर पाए।


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