ITR Filing 2023 : इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले जान लें ‘ITR फॉर्म’ में हुए ये महत्वपूर्ण बदलाव, पेनल्टी से बचने के लिए 31 जुलाई तक पूरा करें काम

Kashish Trivedi
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ITR 2023, Income Tax Return 2023 Rule, Income Tax Return 2022-23:अगर आप भी इनकम टैक्स भरते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत काम की हो सकती है। दरअसल वित्तीय वर्ष 2022 23 के लिए इनकम टैक्स भरने की आखिरी तिथि 31 जुलाई 2023 निर्धारित की गई है। आईटीआर दाखिल करने वाले सभी टैक्सपेयर्स 31 जुलाई से पहले तक टैक्स का भुगतान कर दें। ऐसा नहीं करने की स्थिति में पेनल्टी के साथ होने आईटीआर दाखिल करना होगा। हालांकि इससे पहले विभाग द्वारा आइटीआर से जुड़ी कुछ नए बदलाव किये गए है, जो टैक्सपेयर्स के लिए जानना बेहद आवश्यक है

टैक्स देने वाले जिन व्यक्तियों के अकाउंट को ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं है, उनके लिए वित्त वर्ष 2022-23 (असेस्मेंट ईयर 2023-24) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2023 है। हर बार की तरह इस बार भी ITR फाइल करना पहले की तरह ही आसान है क्योंकि फॉर्म में किसी भी प्रकार के कोई बड़े बदलाव नहीं किए गए हैं। हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस साल कुछ बदलाव जरूर किए गए हैं।

वर्चुअल डिजिटल प्रॉपर्टी (VDAs) से इनकम की रिपोर्टिंग

पिछले साल 1 अप्रैल से वर्चुअल डिजिटल प्रॉपर्टी से जुड़ी इनकम पर टैक्स लगाने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में कई विशेष विवरण को पेश किया गया है।एक्ट 194S के अंतर्गत लायबिलिटी क्रिप्टो ट्रांजैक्शन के लिए मिलने वाली पेमेंट पर TDS एप्लीकेबल है।

VDA से इनकम से जुड़े जरूरी खुलासे को ऐड करने के लिए टैक्स रिटर्न फॉर्म को अब संशोधित किया गया है। करदाताओं को VDA से होने वाली इनकम का विवरण देना होगा। इसके अलावा उन्हें यह भी बताना होगा कि इनकम को बिजनेस इनकम या कैपिटल प्रॉफिट के रूप में वर्गीकृत किया जाना है या नहीं। जिसके अनुसार इनकम के रिलेवेंट हेड के तहत इसका खुलासा करना होगा।

यदि किसी व्यक्ति को वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान क्रिप्टोकरेंसी से किसी प्रकार का इनकम प्राप्त हुआ है, तो उसे टैक्स रिटर्न की सुचारू फाइलिंग के लिए अधिग्रहण की तारीख, ट्रांसफर की तारीख, अधिग्रहण की लागत और सेल इनकम आदि समेत रिलेवेंट विवरण रखने की सलाह दी जाती है।

फॉर्म 26AS और AIS को वैरिफाई करना जरूरी 

इसकी पुष्टि करने के लिए फॉर्म 26AS और AIS को वैरिफाई करना जरूरी है कि डिजिटल एसेट्स से इनकम को टैक्स रिटर्न में जोड़ा गया है। जिसे नए शुरू किए गए सेक्शन 194S के तहत काटा गया था।

80G डोनेशन को क्लेम करने के लिए ARN का विवरण

यदि किसी संस्था को दिया गया डोनेशन वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान सेक्शन 80G के अंतर्गत कटौती के लिए योग्य है, तो डोनेशन रिफरेंस नंबर (ARN) प्रदान करना अनिवार्य है। जो संस्थाओं द्वारा जारी फॉर्म 10BE या रसीद पर यूनिक रेफरेंस नंबर के रूम में मौजूद होता है। इसमें डोनेशन उन संस्थाओं को किया जाता है। जिनमें योग्यता सीमा के अधीन के 50 प्रतिशत कटौती की अनुमति है।

सोर्स पर कलेक्टेड टैक्स

करदाताओं को अपनी इनकम टैक्स लायबिलिटी के खिलाफ सोर्स पर कलेक्टेड टैक्स (TCS) का दावा करने की परमिशन है। साथ ही, यदि किसी करदाता ने पिछले वर्षों में सेक्शन 89A के तहत राहत का दावा किया है और बाद में नॉन-रेसिडेंट बन जाता है, तो ITR फॉर्म में ऐसी राहत के लिए टैक्स योग्य इनकम के विवरण की जरूरत होती है।

सेक्शन 89A से राहत प्रदान की गई इनकम का खुलासा

भारतीय निवासियों के पास विड्रॉवल तक फॉरेन रिटायरमेंट बेनिफिट्स अकाउंट्स से मिलने वाली इनकम पर टैक्स को स्थगित करने का विकल्प है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सेक्शन 89A द्वारा नामांकित देश में रखे गए रिटायरमेंट बेनिफिट्स अकाउंट्स से होने वाली इनकम पर टैक्स से राहत प्रदान करती है। यदि किसी करदाता ने ऐसी राहत का दावा किया है, तो उसे शेड्यूल सैलरी में विवरण प्रस्तुत करना होगा।

फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर का खुलासा

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में कई अन्य बदलाव भी किए गए हैं। जैसे ITR-3 में बैलेंस शीट में एडवांस के बारे में अतिरिक्त जानकारी, और अगर करदाता एक फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर या फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर (FII) है तो उसे सेबी पंजीकरण संख्या साझा करने की आवश्यकता होती है।

इंट्राडे ट्रेडिंग पर खुलासा

इनकम टैक्स रिटर्न के नए फॉर्म के मुताबिक, इंट्राडे ट्रेडिंग से हुई टोटल इनकम का विवरण नए शुरू हुए सेक्शन ‘ट्रेडिंग अकाउंट’ के तहत करना चाहिए।


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