300 से 7 हजार करोड़ तक का सफर, 60 से ज्‍यादा देशों में फैला कारोबार, पढ़ें रजनी बेक्टर की Success Story

मात्र ₹300 से अपने बिजनेस कैरियर की शुरुआत की और आज वह 7000 करोड रुपए की मालकिन बन चुकी हैं। उन्हें साल 2021 में पद्मश्री सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।

Rajni Bector’s Success Story : कहते हैं सफलता पाने की कोई सीढ़ी नहीं होती, जो जितना मेहनत करता है उसे उतनी जल्दी सफलता मिलती है। हालांकि, आप यह बात बिल्कुल सही है कि अगर सफ़र में हमसफर बेहतरीन मिल जाए, तो मंजिल तक पहुंचना काफी आसान हो जाता है क्योंकि एक समझदार और सपोर्टिव पार्टनर आपको जमीन से फलक तक पहुंचाने की क्षमता रखता है। ऐसी ही एक स्टोरी आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जिनकी शादी बहुत ही कम उम्र में हो गई थी लेकिन उनके पार्टनर के सपोर्ट से उन्होंने मात्र ₹300 से अपने बिजनेस कैरियर की शुरुआत की और आज वह 7000 करोड रुपए की मालकिन बन चुकी हैं। उन्हें साल 2021 में पद्मश्री सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको रजनी बेक्टर की दिलचस्प सक्सेस स्टोरी बताएंगे।

300 से 7 हजार करोड़ तक का सफर, 60 से ज्‍यादा देशों में फैला कारोबार, पढ़ें रजनी बेक्टर की Success Story

कराची में हुआ जन्म

सबसे पहले हम आपको यह बता दे की रजनी का जन्म कराची में हुआ था, लेकिन इंडिया और पाकिस्तान के बीच हुए विभाजन के बाद उनके परिवार लुधियाना शिफ्ट हो गया था, जहां पुराने ख्यालात हावी होने के कारण महज 17 साल की उम्र में उनकी शादी जाने-माने कारोबार परिवार में कर दी गई। घर-गृहस्ती संभालने के दौरान जब उनके बच्चे बोर्डिंग स्कूल में जाने लगे तब रजनी ने पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से बेकरी का कोर्स किया। यहां पर उनके बनाए हुए बेक्ड प्रोडक्ट और आइसक्रीम उनके फैमिली और फ्रेंड्स को काफी ज्यादा पसंद आते थे। इसलिए उन्होंने ₹300में एक ओवन खरीदा और अपने घर के पीछे आइसक्रीम बनाना शुरू कर दी।

पति ने दिया साथ

जैसा कि हम सभी जानते हैं सफलता एक बार में ही नहीं मिल जाती, बल्कि इसके लिए आपको बहुत से चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है। बिजनेस कैरियर में उतार-चढ़ाव बेहद आम बात है। इसमें आर्थिक नुकसान का भी डर लगा रहता है। वहीं, रजनी की शुरुआती बिजनेस कैरियर में उनके आइसक्रीम की मांग काफी ज्यादा थी, लेकिन इसके साथ-साथ उनका आर्थिक नुकसान भी हो रहा था। हालांकि, उनके पति धर्मवीर ने उनका सपोर्ट किया और ₹20,000 निवेश कर उनका साथ दिया। इसके बाद उन्होंने साल 1978 में आइसक्रीम बनाने की एक यूनिट लगाई, जिसका नाम उन्होंने क्रेमिका रखा। शुरुआत में इन्होंने केवल आइसक्रीम बेच, लेकिन फिर धीरे-धीरे इन्होंने अपने प्रॉडक्ट्स का विस्तार किया। जिनमें ब्रेड, बिस्कुट और सॉस शामिल है।

7000 करोड़ रुपए सालाना टर्नओवर

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आज क्रीम का भारत की दूसरी सबसे बड़ी बिस्किट निर्यातक कंपनी है। इसके प्रोडक्ट 60 से ज्यादा देशों में बिकते हैं और उत्तर भारत में शादियों के समय वेस्टर्न डेजर्ट की सबसे बड़ी सप्लायर भी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी का सालाना टर्नओवर 7000 करोड़ रुपए से भी अधिक का है।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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