Maggi Success Story : मैगी (Maggi) नूडल्स आज हर घर का हिस्सा बन चुके हैं। इसका स्वाद और झटपट तैयार होने वाली मैगी ने हर वर्ग के लोगों को पसंद आ रही है। बता दें कि मार्केट में कई प्रकार के नूडल्स मौजूद हैं, लेकिन मैगी ने अपनी जगह बनाई है और वह लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। मैगी नूडल्स भारत में 1984 में पेश किए गए। नेस्ले इंडिया ने इसे भारतीय बाजार में उतारा और देखते ही देखते यह बच्चों के साथ-साथ युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय हो गया। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको इसकी दिलचस्प सक्सेस स्टोरी बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…
ऐसे हुई शुरूआत
19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में यूरोप में औद्योगिक क्रांति अपने चरम पर थी। इस दौरान फैक्ट्रियों में काम करने वाली महिलाओं की संख्या में भी वृद्धि हुई। स्विट्जरलैंड में भी यही स्थिति थी, जहां महिलाएं फैक्ट्रियों में लंबी शिफ्ट में काम करती थीं। काम करने के बाद भी महिलाओं पर घर की जिम्मेदारियां थीं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण था खाना बनाना। लंबे समय तक काम करने के बाद उनके पास खाना बनाने का समय नहीं बचता था, जिससे उनके लिए खाना बनाना एक चुनौती बन गया था। महिलाओं की इस समस्या का समाधान खोजने के लिए स्विस पब्लिक वेलफेयर सोसायटी ने पहल की। उन्होंने सोचा कि अगर कोई ऐसा उत्पाद हो जो जल्दी से बन सके और पोषक तत्वों से भरपूर हो, तो इससे महिलाओं की समस्या हल हो सकती है।
कई देशों में हुई लोकप्रिय
वहीं, 1872 में जूलियस मैगी ने महिलाओं की कामकाजी और घरेलू जिम्मेदारियों की समस्या को देखा। शुरुआत में जूलियस मैगी ने आटे से बने उत्पादों का व्यापार शुरू किया, लेकिन यह बिजनेस सफल नहीं हो सका। फिर साल 1897 में जूलियस मैगी ने ऐसे खाद्य पदार्थ बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जो जल्दी पक सके। उन्होंने जल्दी तैयार होने वाले सूप और नूडल्स जैसे प्रोडक्ट्स लॉन्च किए। 1897 में जूलियस ने सबसे पहले जर्मनी में मैगी नूडल्स को पेश किया। जूलियस ने अपने नाम पर ही कंपनी का नाम “Maggi” रखा। साल 1912 तक मैगी अमेरिका और फ्रांस जैसे कई देशों में लोकप्रिय हो गई थी।