Mobile Recharge : मोबाइल टैरिफ बढ़ाने को लेकर सरकार ने दी सफाई, कहा – ‘भारतीय मोबाइल सेवाएं अब भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे किफायती’

Mobile Recharge : मोबाइल टैरिफ में 25 प्रतिशत की वृद्धि ने राजनीतिक गलियारों में बहस छेड़ दी है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस पर कड़ी आलोचना की है, जबकि सरकार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि भारतीय मोबाइल सेवाएं अब भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे किफायती हैं।

Rishabh Namdev
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Mobile Recharge : मोबाइल टैरिफ में हालिया 25 प्रतिशत तक की वृद्धि ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। दरअसल विपक्षी दल कांग्रेस ने इस कदम की तीखी आलोचना की है, वहीं सरकार ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा है कि भारतीय मोबाइल सेवाएं अभी भी अन्य देशों की तुलना में सस्ती हैं। इस विवाद के बीच, सरकार ने टैरिफ दरों के निर्धारण और टेलीकॉम सेवाओं की अंतरराष्ट्रीय तुलना पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है, ताकि आम जनता को वास्तविक स्थिति का पता चल सके।

सरकार का स्पष्टीकरण:

दरअसल सरकार ने स्पष्ट किया है कि मोबाइल टैरिफ दरें बाजार की मांग और आपूर्ति के आधार पर तय की जाती हैं, और इसमें सरकार का कोई दखल नहीं होता। दूरसंचार मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि, “भारत में मोबाइल सेवाएं अन्य प्रमुख देशों की तुलना में किफायती हैं।”

वहीं दूरसंचार मंत्रालय के अनुसार, भारत में एक सरकारी और तीन निजी टेलीकॉम कंपनियां सक्रिय हैं। टैरिफ दरें नियामक प्राधिकरण ट्राई (TRAI) द्वारा बनाए गए ढांचे के अंतर्गत तय की जाती हैं। पिछले दो सालों में टैरिफ में कोई बदलाव नहीं हुआ था, हालांकि टेलीकॉम कंपनियों ने 5जी सेवाओं की शुरुआत के लिए भारी निवेश किया है। इसके परिणामस्वरूप, देश में औसत मोबाइल स्पीड बढ़कर 100 एमबीपीएस हो गई है और भारत की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग 111 से बढ़कर 15 हो गई है।

11 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी

बता दें कि रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने इस महीने अपने टैरिफ प्लान में 11 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इस वृद्धि से उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार पड़ गया है, और विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है। हालांकि कई यूजर्स द्वारा भी इसे लेकर आलोचना की जा रही है।

अंतरराष्ट्रीय तुलना:

दरअसल सरकार ने इंटरनेशनल टेलीकॉम यूनियन (ITU) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि भारत में मोबाइल सेवाएं अन्य प्रमुख देशों की तुलना में सस्ती हैं। उदाहरण के लिए:

चीन में उपभोक्ता 8.84 डॉलर खर्च करते हैं।
-अफगानिस्तान में 4.77 डॉलर।
-भूटान में 4.62 डॉलर।
-बांग्लादेश में 3.24 डॉलर।
-नेपाल में 2.75 डॉलर।
-पाकिस्तान में 1.39 डॉलर।

भारत में यह दर 1.89 डॉलर है, जिसमें उपभोक्ताओं को अनलिमिटेड वॉयस कॉल के साथ 18 जीबी डेटा मिलता है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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