Most Valuable Brand : टाटा समूह ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह भारत का सबसे कीमती ब्रांड है। दरअसल टाटा की ब्रांड वैल्यू में हालिया इजाफा, आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) के टाइटल स्पॉन्सर बनने के बाद आया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस स्पॉन्सरशिप ने टाटा की ब्रांड वैल्यू में उल्लेखनीय वृद्धि की है। टाटा को देश की सबसे चर्चित कंपनियों में गिना जाता है। इसीलिए इसकी चर्चा आए दिन होती रहती है।
टाटा की ब्रांड वैल्यू में बढ़ोतरी:
दरअसल ब्रांड फाइनेंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईपीएल को स्पॉन्सर करने से टाटा की ब्रांड वैल्यू में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जिसके चलते अब टाटा की ब्रांड वैल्यू बढ़कर 28.6 बिलियन डॉलर हो गई है। यानी यह पहली बार है जब किसी भारतीय ब्रांड की वैल्यू 30 बिलियन डॉलर के करीब पहुंची है। टाटा समूह ने अपनी ब्रांड वैल्यू में इस महत्वपूर्ण वृद्धि के साथ एक नई मिसाल कायम की है।
भारत के सबसे मूल्यवान ब्रांड्स:
इसके साथ ही टाटा समूह की ब्रांड वैल्यू में यह बढ़ोतरी इसे भारत का सबसे मूल्यवान ब्रांड बनाती है। हालांकि इसकी तुलना में, दूसरे स्थान पर इंफोसिस है, जिसकी ब्रांड वैल्यू 14.2 बिलियन डॉलर है। हालांकि, आईटी सेक्टर में नरमी के बावजूद, इंफोसिस की ब्रांड वैल्यू में भी 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
एचडीएफसी बैंक का उभरता स्थान:
दरअसल एचडीएफसी लिमिटेड के विलय के बाद, एचडीएफसी बैंक अब तीसरे सबसे बड़े ब्रांड के रूप में उभरा है, जिसकी ब्रांड वैल्यू 10.4 बिलियन डॉलर है। हालांकि टाटा की ब्रांड वैल्यू और दूसरे सबसे मूल्यवान ब्रांड इंफोसिस के बीच लगभग दो गुने का अंतर है, जिससे टाटा की वैल्यू का प्रभुत्व स्पष्ट होता है।
दरअसल आईटी सेक्टर में, टाटा का टीसीएस ब्रांड 19.2 बिलियन डॉलर के साथ सबसे आगे है। एचसीएल टेक की ब्रांड वैल्यू 16 प्रतिशत बढ़कर 7.6 बिलियन डॉलर हो गई है। विप्रो की वैल्यू 8 प्रतिशत घटकर 5.8 बिलियन डॉलर और टेक महिंद्रा की ब्रांड वैल्यू 10 प्रतिशत गिरकर 3.1 बिलियन डॉलर रह गई है।