अब ज्वेलर्स को बेचनी होगी सिर्फ शुद्ध ज्वेलरी, देश में गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम लागू

Atul Saxena
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। आज यानि 16 जून से हॉलमार्किंग नियम लागू हो गया है लेकिन बड़ी बात ये है कि ये पूरे देश में नहीं सिर्फ 256 जिलों में ही लागू होगा। सरकार ने हॉलमार्किंग नियम लागू करने के लिए कई बार ज्वेलर्स को मोहलत दी और पिछली बार पांचवी बार इसे बदलकर 15 जून कर दिया था।  इस नियम के लागू हो जाने के बाद अब कोई भी ज्वेलर को हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी बेचने की अनुमति होगी और यदि ज्वेलर ने नियम का उल्लंघन किया तो उस पर जुर्माना और जेल तक की सजा हो सकती है।

हॉलमार्किंग गोल्ड की शुद्धता का सर्टिफेकट है। देश में इस समय हॉलमार्किंग और गैर हॉलमार्किंग दोनों तरह की ज्वेलरी बेची जाती है और ये चलन लम्बे समय से चला आ रहा है। लेकिन धीरे धीरे बड़े ज्वेलर्स ने केवल हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी बेचना शुरू कर दी। देश में अभी केवल 40 प्रतिशत हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी बेचीं जाती है।

एक नहीं कई चरणों में लागू होंगे नियम 

गोल्ड हॉलमार्किंग नियमों को लागू करने के लिए दी गई मोहलत की कल मंगलवार 15 जून अंतिम तारीख दी।  लेकिन ज्वेलर्स इसे मानने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थे।  ज्वेलर्स ने मंगलवार की शाम वाणिज्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ वर्चुअल मीटिंग की।  जिसमें तय हुआ कि गोल्ड हॉलमार्किंग नियम एक साथ नहीं कई चरणों में लागू होगा।  आज 16 जून से ये देश के 256 जिलों में लागू होगा जहाँ पहले से ही गोल्ड हॉलमार्किंग सेंटर मौजूद हैं।

सरकार ने ज्वेलर्स को दी ये मोहलत

मंत्री पीयूष गोयल के साथ हुई मीटिंग के बाद सरकार ने सभी ज्वेलर्स को अपने पास पड़े पुराने स्टॉक यानि पुराणी गोल्ड ज्वेलरी की हॉलमार्किंग के लिए 2 महीने का समय दिया है यानि 1 सितम्बर तक ज्वेलर्स पुराने स्टॉक की हॉलमार्किंग करा सकते हैं। इस दौरान किसी भी व्यापारी पर कोई भी जुर्माना या दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी।

40 लाख तक के टर्नओवर वाले ज्वेलर दायरे से बाहर 

सरकार ने तय किया है कि सभी ज्वेलरी डीलर्स को गोल्ड हॉलमार्किंग के लिए एक बार रजिस्ट्रेशन करना होगा जो मुफ्त होगा और इसे रिन्यू करवाने की जरुरत नहीं होगी।  सरकार ने छोटे ज्वेलर्स को बड़ी  राहत देते हुए तय किया है कि 40 लाख  तक टर्नओवर वाले ज्वेलर्स गोल्ड हॉलमार्किंग नियम के दायरे में नहीं आएंगे , इसके अलावा कुंदन, पोलकी की ज्वेलरी और ज्वेलरी वाली घड़ियों को भी हॉलमार्किंग से बाहर रखा गया है।

14, 18, 22 के साथ 20, 23 24 कैरेट को भी मंजूरी

सरकार ने ज्वेलर्स की परेशानियों को समझने के बाद अब 14, 18, 22  कैरेट के साथ 20, 23 24 कैरेट ज्वेलरी की हॉलमार्किंग को भी मंजूरी दे दी है। इससे पहले गोल्ड हॉलमार्किंग नियम लागू हो जाने के  बाद14,18 और 22 कैरेट का गोल्ड ही बेचने की बात सरकार की तरफ से कही गई थी। ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टेंडर्स (BIS) अप्रैल 2000 से गोल्ड हॉलमार्किंग की स्कीम चला रहा है।  ज्वेलर्स के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन कर दिया गया है।  World Gold Council के मुताबिक भारत में करीब 4 लाख ज्वेलर्स हैं जिनमें से 35,879 ज्वेलर्स BIS सर्टिफाइड हैं।

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इनके पास है नियम लागू कराने की जिम्मेदारी 

सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किंग नियम के लिए एक कमेटी बनाई है जिसकी कमान ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टेंडर्ड (BIS) के डायरेक्टर जनरल प्रमोद तिवारी के पास है। श्री तिवारी हॉलमार्किंग नियम लागू करवाने में आने वाली दिक्कतों को दूर करेंगे।

gold silver rate

पांच बार बढ़ चुकी है नियम लागू करने की तारीख 

केंद्र सरकार ने नवम्बर 2019 में गोल्ड से बनी ज्वेलरी और अन्य आयटमों के लिए गोल्ड हॉलमार्किंग नियमों की घोषणा की थी इसे 2021 तक पुरे देश में लागू करना था लेकिन इस बीच कोरोना महामारी आ गई, ज्वेलर्स ने मोहलत मांगी और ये नियम लागू नहीं हो सका। 1 जून तक हॉलमार्किंग नियम को लागू करने की मोहलत को चार बार बढ़ाया जा चुका था उसके बाद 15 जून से इस लागू करने की घोषणा की गई थी। यानि अब तक पांच बार हॉलमार्किंग नियम लागू करने की तारीख बढ़ चुकी है।

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जुर्माना और जेल की सजा का भी प्रावधान 

जानकारी के अनुसार गोल्ड हॉलमार्किंग नियम को तोड़ने वाले यानि बिना हॉलमार्किंग के गोल्ड बेचने वाले ज्वेलर पर ज्वेलरी की कीमत का 5 गुना तक जुर्माना लगाया जा सकता है इसके अलावा नियम तोड़ने वाले ज्वेलर को एक साल की सजा भी हो सकती है।

अब ज्वेलर्स को बेचनी होगी सिर्फ शुद्ध ज्वेलरी, देश में गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम लागू

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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