एक बार फिर नारायण मूर्ति का बड़ा बयान, कहा – ‘खेद है मैंने नहीं बदली अपनी सोच, मैं इसे अपने साथ कब्र तक ले जाऊंगा’

भारत के दिग्गज बिजनेसमैन नारायण मूर्ति एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं। दरअसल उन्होंने अपने पुराने बयान को लेकर कहा कि "मुझे खेद है, मैं अपना दृष्टिकोण नहीं बदल सकता। मैं इसे अपने साथ ही कब्र तक ले जाऊंगा।"

Rishabh Namdev
Published on -
एक बार फिर नारायण मूर्ति का बड़ा बयान, कहा - 'खेद है मैंने नहीं बदली अपनी सोच, मैं इसे अपने साथ कब्र तक ले जाऊंगा'

इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति एक बार फिर अपने बयान को लेकर बोले हैं। दरअसल उन्होंने कहा था कि देश के युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए। जिसके बाद इस बयान को लेकर जमकर चर्चा हुई थी। वहीं अब एक बार फिर उन्होंने इस बयान का बचाव किया है। नारायण मूर्ति ने कहा है कि भारत के विकास के लिए कड़ी मेहनत करना बहुत जरूरी है। इससे पहले नारायण मूर्ति ने देश के युवाओं को लेकर यह बयान दिया था। हालांकि इसके बाद सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई थी। दरअसल कई लोग नारायण मूर्ति के समक्ष खड़े हुए दिखाई दिए तो कई लोगों ने इस बयान जा कड़ा विरोध किया था।

वहीं अब एक बार फिर CNBC ग्लोबल लीडरशिप समिट में नारायण मूर्ति ने अपने बयान को लेकर बड़ी बात कही है। नारायण मूर्ति ने कहा कि “मुझे खेद है, मैं अपना दृष्टिकोण नहीं बदल सकता। मैं इसे अपने साथ ही कब्र तक ले जाऊंगा।”

जानिए क्या बोले नारायण मूर्ति (Narayana Murthy)

दरअसल नारायण मूर्ति का कहना है कि ‘1986 में वह भारत के 6 दिन वर्किंग वीक से 5 दिन वीक करने के बदलाव से बेहद निराश हुए थे।’ नारायण मूर्ति का मानना है कि हमारे देश की प्रगति के लिए त्याग करने की आवश्यकता है, इसे आराम में नहीं बदला जाना चाहिए। अपनी इस स्पीच के दौरान नारायण मूर्ति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण भी दिया और कहा कि ‘जब हमारे देश के प्रधानमंत्री इतनी मेहनत कर रहे हैं, तो हमारा कर्त्तव्य है कि हम हमारे आसपास जो भी हो रहा है, उसे अपने काम के जरिए एप्रीशिएट करें।

देश के दूसरे सबसे बड़े टेक फर्म इंफोसिस (Infosys) के फाउंडर

दरअसल नारायण मूर्ति के 70 घंटे काम करने के बयान को कई एक्सपर्ट ने हेल्थ का हवाला देते हुए गलत बताया था। उनका कहना था कि इतना काम करने से लोगों की हेल्थ पर इफ़ेक्ट पड़ेगा। हालांकि इस आलोचना के बाद भी नारायण मूर्ति अपने बयान पर टिके हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक मैं जिंदा हूं, यह सोच मेरे साथ है। यह मेरी कब्र के साथ ही में ले जाऊंगा। बता दें कि नारायण मूर्ति भारत के दूसरे सबसे बड़े टेक फर्म इंफोसिस के फाउंडर हैं। उन्होंने इसकी स्थापना 1981 में की थी।


About Author
Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

Other Latest News