RBI Action: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Of India) ने दो सरकारी और एक प्राइवेट सेक्टर बैंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इस लिस्ट में देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भी शामिल है। नियमों का उल्लंघन करने पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), केनरा बैंक (Canara Bank) और सिटी यूनियन बैंक (City Union Bank) पर आरबीआई ने करीब 3 करोड़ रुपये का मौद्रिक जुर्माना (Monetary Penalty) लगाया है।
एसबीआई पर लगा 2 करोड़ रुपये का जुर्माना
आरबीआई ने उपधारा के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर 26 फरवरी 2024 को जारी आदेश द्वारा देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक एसबीआई पर 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। दरअसल, बैंक कुछ कंपनियों की भुगतान की गई शेयर पूंजी के 30% से अधिक की राशि के शेयरों को गिरवी के रूप में रखा। साथ ही बीआर अधिनियम में निर्धारित अवधि के भीतर जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि में पात्र राशि जमा करने में विफल रहा है।
केनरा बैंक पर लगा 32 लाख से अधिक का जुर्माना
6 फरवरी 2024 को जारी एक आदेश द्वारा पब्लिक सेक्टर के केनरा बैंक पर 32.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह बैंक सीआईसी से ऐसी अस्वीकृति रिपोर्ट प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर अस्वीकृत डेटा को सुधारने और क्रेडिट सूचना कंपनियों (CIC) के साथ अपलोड करने में विफल रहा है। साथ ही मौजूदा निर्देशों के तहत कुछ खातों का पुनर्गठन किया है, जो 31 मार्च 2021 को मानक संपत्ति नहीं थे।
सिटी यूनियन बैंक पर लगा 66 लाख का जुर्माना
प्राइवेट सेक्टर के सिटी यूनियन बैंक पर 66 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बैंक आय पहचान, परिसंपत्ति वर्गीकरण और एडवांस के साथ-साथ केवाईसी से जुड़े नियमों का पालन करने में विफल रहा है। जांच में पाया गया कि बैंक द्वारा रिपोर्ट की गई और निरीक्षण के दौरान मूल्यांकन की गई गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) के बीच महत्वपूर्ण अंतर था। इसके अलावा बैंक ग्राहकों के खातों के झोंकहीं वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा की प्रणाली तैयार करने में भी विफल रहा।
ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा असर
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने स्पष्ट कर दिया है कि बैंकों के खिलाफ की गई कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है। इसका असर ग्राहकों और बैंकों के बीच हो रहे लेनदेन पर नहीं पड़ेगा।