इन 6 फाइनेंस कंपनियों पर गिरी गाज, RBI ने लगाया लाखों का जुर्माना, नियमों की अनदेखी का आरोप, पढ़ें पूरी खबर 

आरबीआई ने 6 बैंकों के खिलाफ एक्शन लिया है। इनपर नियम तोड़ने का आरोप है। जांच के बाद जुर्माना लगाया गया है। आइए जानें केन्द्रीय बैंक ने यह कदम क्यों उठाया?

नियमों का उल्लंघन होने पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 6 नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की है। 60 लाख रुपये से अधिक का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई केन्द्रीय बैंक ने आरबीआई एक्ट 1934 के विभिन्न प्रावधानों के तहत की है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने तमिलनाडु में स्थित सेवरी ट्रांसपोर्ट फाइनेंस लिमिटेड (चेन्नई) पर 5,00,000 रुपये और पूर्वाजा फिनकैप प्राइवेट लिमिटेड पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।   हैबिटेट माइक्रो बिल्ड इंडिया हाउसिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (कर्नाटक) पर 50,000 रुपये, फीनिक्स एआरसी प्राइवेट लिमिटेड 52.70 लाख रुपये, महेंद्रा रूरल हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड पर 3.20 लाख रुपये और मिखाइल कैपिटलाइज प्राइवेट लिमिटेड (केरल) पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है।

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कंपनियों पर लगे ये आरोप

  • सेवरी ट्रांसपोर्ट फाइनेंस लिमिटेड में लोन समझौते में ब्याज दर के आवेदन की विधि को परिभाषित नहीं किया। लोन समझौते में बताई गई दर  से अधिक ब्याज दर लगाया और अपनी वेबसाइट पर ब्याज दरों और जोखिम के वर्गीकरण की दृष्टिकोण को अपडेट करने में भी सफल रहा।
  • पूर्वाजा फिनकैप प्राइवेट लिमिटेड ने आरबीआई की सहमति के बिना अधीनस्थ लोन को समय से पहले रिडीम किया था।
  • हैबिटेट माइक्रो बिल्ड इंडिया हाउसिंग फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड ने प्रबंधन में बदलाव करने के लिए आरबीआई की पूर्व लिखित अनुमति प्राप्त नहीं की, जिसके परिणाम स्वरुप स्वतंत्र निदेशक को छोड़कर इसके 30% से अधिक निदेशक बदले गए।
  • फीनिक्स एआरसी प्राइवेट लिमिटेड ने अपने निदेशक मंडल की पूर्व स्वीकृति के बिना एक करोड़ रुपये से अधिक की कुल बकाया मूल राशि वाले कुछ उधारकर्ताओं के बकाए पर निपटान किया।
  • महिंद्रा रुरल हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2022 से 23 के दौरान जोखिम वर्गीकरण की आर्थिक समीक्षा करने नहीं कर पाया। यह काम कम से कम 6 महीने में एक बार होनी चाहिए।
  • मिखाइल कैपिटलाइज प्राइवेट लिमिटेड मे पूंजी के 26% से अधिक शेयरधारिता में बदलाव के लिए आरबीआई की पूर्व लिखित अनुमति नहीं लिया। निर्धारित समय सीमा के भीतर एक स्वतंत्र निदेशक की नियुक्ति के बारे में आरबीआई को सूचित भी नहीं कर पाया।

आरबीआई ने क्या कहा?

एक निरीक्षण के दौरान बैंकों द्वारा  नियमों में अनदेखी का खुलासा हुआ था। जिसके बाद आरबीआई ने सभी कंपनियों को कारण बताओ जारी किया। नोटिस पर आई प्रतिक्रिया और पर्सनल हियरिंग के दौरान मौखिक प्रस्तुतियों को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय बैंक ने मौद्रिक जुर्माना लगाने का फैसला लिया। आरबीआई ने कहा, “यह करवाई पूरी तरीके से  दिशा निर्देशों के अनुपालन में खामियों पर आधारित है। इसका उद्देश्य कंपनी और ग्राहकों के बीच हो रहे लेनदेन या किसी भी एग्रीमेंट पर प्रभाव डालना नहीं है।”


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Manisha Kumari Pandey

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