नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। आज यानि 17 अक्टूबर को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी मंथली बुलेटिन जारी कर दी है, जिसमें सेंट्रल बैंक ने महंगाई को लेकर बड़ी बात कही है। बुलेटिन में आरबीआई ने कहा की मॉनेटरी पॉलिसी के तहत लिए गए फैसलों का प्रभाव दिखने में वक्त लग सकता है। इसलिए महंगाई को काबू करने की लड़ाई लंबी और सख्त होगी। वहीं दूसरी तरफ मौजूदा आर्थिक स्थिति में भी उतार-चढ़ाव जारी है।
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रिपोर्ट के मुताबिक इनफ्लेशन लगातार तीन तिमाहियों से आरबीआई द्वारा निर्धारित किये गए रेंग से अधिक देखा जा था है। साथ ही महंगाई को कंट्रोल करने के लिए 3 महीनों की डेडलाइन भी दी गई है, इस दौरान महंगाई को काबू में आने के उम्मीद है। सितंबर में रिटेल इनफ्लेशन 7.41 फीसदी तक देखा गया है, वहीं अगस्त में इसके आँकड़े 7 फीसदी थे। बता दें की पिछले तीन सालों से देश में इनफ्लेशन आरबीआई के रेंज से ज्यादा है। आरबीआई द्वारा इनफ्लेशन के लिए 4 फीसदी का टारगेट की तय किया गया था, लेकिन इसमें लगातार बृद्धि हो रही। हालांकि आरबीआई ने इनफ्लेशन को काबू करने के लिए रेपो रेट में कई बार वृद्धि भी कर चुका है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष इनफ्लेशन 6.7 फीसदी तक पहुँच सकता हैं। वहीं 2025 तक इसमें गिरावट होने की उम्मीद हसी। बुलेटिन के स्टेट ऑफ एकोमॉनी रिपोर्ट कर मुताबिक लगातार तीन तिमाहियों तक रीटेल इनफ्लेशन टारगेट के पार बना हुआ है, इसलिए जिसकी जिम्मेदारी तय करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इस रिपोर्ट के को-ऑथर आरबीआई डिप्टी गवर्नर और मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के सदस्य माइकल पात्रा हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दो बातों पर पूरा ध्यान दिया जाएगा। पहला महंगाई को काबू करने को प्राथमिकता देना और दूसरा इसे टारगेट रेंज के अंदर रखना। बाकी यह प्रक्रिया धीरे-धीरे चलेगी, इस दौरान कुछ झटके भी लगने की संभावना है।