कुछ महीने पहले ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट को होलसेल और रीटेल दोनों लेवल पर लॉन्च किया है। इस साल के अंत में इसका विस्तार और भी अधिक होने की संभावनाएं। इसी बीच आरबीआई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अजय कुमार चौधरी का बयान सामने आया है। बुधवार को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Digital Currency) के संबंध में आयोजित एक कार्यक्रम में ई-रुपये से जुड़ी कई जानकारी साझा की है। और कहा कि आने वाले समय में डिजिटल करेंसी डिजिटल इकॉनोमी का आधार बनेगा। साथ ही वित्तीय समावेशन और फिजिकल कैश के इस्तेमाल को कम करने में एक अहम भूमिका निभाएगा।
ऐसे होंगे डिजिटल करेंसी के फीचर्स
चौधरी ने ई-रुपये के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि “E -Rupee में वो सारे फीचर्स मिलेंगे जो फिजिकल कैश मे मिलते हैं। इससे भी सुरक्षा और लेन-देन के निपटान की सुविधा मिलेगी।” उन्होनें यह भी कहा कि डिजिटल करेंसी के जरिए अन्य पेमेंट्स के अन्य सिस्टम को बदलना या उसे रीप्लेस करना नहीं है। बल्कि उसमें वर्तमान में उपलब्ध पेमेंट्स के तरीके में एक और जोड़ना है। भविष्य को ध्यान में रखते हुए कहा कि ई-रुपये के डिजाइन के लिए ऑनलाइन कार्यक्षमता प्रपत्र मौलिक विचारों में से है, जो फिजिकल करेंसी को भी परिभाषित करती है।