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Sat, Dec 20, 2025

Success Story: दुनिया के लगभग 90 देशों में फैला है Godrej ग्रुप का कारोबार, बड़ी दिलचस्प है सफलता की कहानी

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
Success Story: दुनिया के लगभग 90 देशों में फैला है Godrej ग्रुप का कारोबार, बड़ी दिलचस्प है सफलता की कहानी

Godrej Group Success Story : भारत में एक से बढ़कर एक कंपनी है जोकि आजादी से पहले की है। जिसमें गोदरेज कंपनी का नाम भी शामिल है। इसे सुनते ही सबसे पहले हमें अपने घर में रखे अलमारी की याद आ जाती है। बता दें कि कंपनी ने इतनी बड़ी सफलता हासिल कर ली है कि आज भी यह इंडियन मार्केट में अच्छी पकड़ बनाए हुए हैं। 127 साल पुराने इस सफर को गोदरेज ग्रुप द्वारा कड़ी मेहनत के साथ सफल बनाया गया है। शुरुआती दिनों में इस कंपनी द्वारा केवल ब्लैड, ताला और चाभी बनाया जाता था, लेकिन बाद में इस कंपनी ने अन्य चीजें बनाना शुरू कर दिया और आज एक सक्सेसफुल ब्रांड बन चुका है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको गोदरेज ग्रुप की सक्सेस स्टोरी बताएंगे।

90 देश में कारोबार

बता दें कि गोदरेज ग्रुप का कारोबार देश ही नहीं, बल्कि विश्व के लगभग 90 देश में फैला हुआ है। हालांकि, अब यह दो हिस्सों में बंट चुका है, लेकिन शुरूआत में इसे केवल 7 लोगों ने मिलकर चलाया था। इस कंपनी की शुरुआत साल 1897 में की गई थी। उस समय अंग्रेजों का शासन था। इसलिए कंपनी ने उनके लिए तिजोरी बनाना शुरू किया। धीरे-धीरे कंपनी का विस्तार करने के लिए उन्होंने ताला-चाभी तिजोरी ही नहीं, बल्कि अलमारी, साबुन से लेकर रियल एस्टेट सेक्टर में भी अपने हाथ आजमाएं और इन्हें सफलता भी मिली। दरअसल, लोग इस कंपनी पर आंख बंद करके भरोसा करते हैं। इस कंपनी की क्वालिटी और प्रोडक्ट दोनों ही बेहतरीन होते हैं।

बनाया बैलट बॉक्स

इस कंपनी को आर्देशर गोदरेज और उनके भाई पिरोजशाह गोदरेज ने मिलकर शुरू की थी। हालांकि, शुरुआती दिनों में ब्लेड बनाने का काम ज्यादा नहीं चल सका था। इसके बाद चोरी और डकैती की घटनाओं को देखते हुए उनके मन में यह ख्याल आया कि क्यों ना ताला चाभी बनाया जाए। इसके बाद उन्होंने इसे बनाना शुरू किया और इसमें उन्हें काफी हद तक सफलता मिली। उन्होंने कभी पीछे मुड़कर ही नहीं देखा। केवल इतना ही नहीं, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आर्देशर गोदरेज ने स्वदेशी आंदोलन में हिस्सा भी लिया था। वहीं, देश की आजादी के बाद साल 1951 में लोकसभा चुनाव के दौरान बैलट बॉक्स गोदरेज कंपनी द्वारा ही बनाया गया था। इसके अलावा, साल 1955 में पहला भारतीय टाइपराइटर भी गोदरेज कंपनी ने ही बनाया था। साल 1958 में कंपनी ने फ्रिज कमाल कर दिखाया। फ्रिज बनाने में यह कंपनी पहली भारतीय कंपनी बन गई।

कुल संपत्ति

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो गोदरेज ग्रुप में आज लगभग 28000 से ज्यादा कर्मचारी नौकरी कर रहे हैं। वर्तमान में इस ग्रुप को आदि गोदरेज संभाल रहे हैं। जिनकी कुल संपत्ति लगभग 231 करोड रुपए है। जिनका जन्म 3 अप्रैल 1942 को मुंबई में हुआ था। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और एमबीए की पढ़ाई करने के बाद 17 साल की उम्र में वह विदेश चले गए। इसके बाद वापस भारत आकर उन्होंने अपने फैमिली बिजनेस को आगे बढ़ाया।