नियमों की अनदेखी पड़ी भारी, RBI ने इन 2 बैंकों पर ठोका जुर्माना, एक फाइनेंस कंपनी पर भी गिरी गाज, पढ़ें पूरी खबर 

आरबीआई ने दो बैंक और एक एनबीएफसी पर लाखों का जुर्माना लगाया है। इस लिस्ट में श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड भी शामिल है। आइए जानें केन्द्रीय बैंक ने यह कदम क्यों उठाया और क्या ग्राहकों पर इसका प्रभाव पड़ेगा?

Manisha Kumari Pandey
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देशभर के सभी बैंकों और एनबीएफसी को रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया रेगुलेट करता है। ग्राहकों के हित में कई नियम भी निर्धारित किए गए हैं, जिसका पालन बैंकों और फाइनेंस कंपनियों के लिए अनिवार्य होता है। निर्देशों का उल्लंघन होने पर केंद्रीय बैंक सख्त कार्रवाई भी करता है। एक बार फिर RBI का एक्शन देखने को मिला है। दो बैंक और एक एनबीएफसी पर मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है।

आरबीआई ने उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक पर 6.70 लाख रुपये और नैनीताल बैंक लिमिटेड पर 61.40 लाख रुपये का जुर्माना (Monetary Penalty) लगाया गया है। श्री राम फाइनेंस लिमिटेड पर 5.80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस बात की जानकारी केंद्रीय बैंक ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए दी है।

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आखिरी आरबीआई ने क्यों उठाया यह कदम?

उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक लोन स्वीकृति और वितरण के समय कुछ उधारकर्ताओं को समझौते जारी करने में विफल रहा। वहीं नैनीताल बैंक लिमिटेड ने एमएसएमई को दिए गए कुछ फ्लोटिंग रेट लोन को बाहरी बेचकर से बेंचमार्क नहीं किया। इसके अलावा बैंक ने बचत बैंक खातों में न्यूनतम शेष राशि न रखने पर फ्लैट दरों पर दंडात्मक शुल्क लगाया, जबकि शुल्क सीधे कमी की सीमा के अनुपात में लगाया जाता है।

श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड ने किया इन नियमों का उल्लंघन

आरबीआई ने श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड खातों के जोखिम वर्गीकर्म की आवधिक समीक्षा करने के लिए प्रणाली स्थापित नहीं कर पाया। यह सुनिश्चित भी नहीं कर पाया कि कुछ प्रत्यक्ष बिक्री एजेंटों के साथ उसके समझौतों में सेवा प्रदाताओं की पुस्तकों और खातों का विवरण निरीक्षण करने की आरबीआई के अधिकार के बारे में कोई खंड हो। इसके अलावा कंपनी वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान क्रेडिट सूचना कंपनियों को कॉर्पोरेट्स की रिलेशनशिप सेगमेंट के बारे में जानकारी भी साझा नहीं कर पाया।

ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा असर 

निरीक्षण के दौरान बैंकों और एनबीएफसी द्वारा नियमों की अनदेखी का खुलासा हुआ था। जिसके बाद आरबीआई ने दोनों बैंक और एनबीएफसी को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। नोटिस पर आए जवाब और अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण और व्यक्तिगत सुनवाई के बाद आरबीआई ने आरोपों को सही पाया और मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया। इस कार्रवाई का प्रभाव ग्राहकों और बैंक/एनबीएफसी के बीच हो रहे लेनदेन या समझौते पर नहीं पड़ेगा।


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