नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अक्सर नियमों का उल्लंघन करने पर बैंकों के खिलाफ सख्त एक्शन लेता है। इस बार एलआईसी हाउसिंग फाइनेन्स के साथ 6 बैंकों आरबीआई के एक्शन का शिकार बनना पड़ा। 31 अक्टूबर सोमवार को आरबीआई ने हाउसिंग फाइनेन्स पर 5 लाख का जुर्माना लगाया है। सेंट्रल बैंक हाउसिंग फाइनेन्स पर नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) के कुछ प्रोविजंस का पालन ना करने पर जुर्माना लगाया है।
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आरबीआई ने बयान जारी करते हुए यह भी स्पष्ट किया है की केन्द्रीय बैंक द्वारा लगाए गए इस पेनाल्टी का इरादा कंपनी के अन्य कस्टमर्स के साथ किये गए किसी लेनदेन या अग्रीमन्ट की वैलिडीटी पर फैसला सुनाना नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च, 2020 को आरबीआई ने एलआईसी हाउसिंग फाइनेन्स की वित्तीय स्थिति की जांच की थी। जांच में यह पाया गया की NHB ऐक्ट के सेक्शन 29बी के संदर्भ में निवेश की गई संपत्ति के हिस्से पर फ्लोटिंग चार्ज बनाने में असफल रही। इतना ही नहीं एलआईसी हाउसिंग फाइनेन्स ने रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज के साथ इस तरह के शुल्क का रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवाया था।
इसके अलावा आरबीआई ने 6 बैंकों पर भी एक्शन लिया है। इस लिस्ट में वक्रांगी लिमिटेड, जम्मू-कश्मीर को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई का द प्रताप को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मैसूर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महाराजगंज नगर सहकारी बैंक लिमिटेड (उत्तर प्रदेश), द सिटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (कर्नाटक), बांदा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (उत्तर प्रदेश) शामिल है।
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आरबीआई ने वक्रांगी लिमिटेड पर व्हाइट लेबल एटीएम के नियमों का पालन ना करने पर आरबीआई ने इस बैंक पर 1.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। कश्मीर को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 30 लाख रुपये, द प्रताप को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 6 लाख रुपये, मैसूर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 5 लाख रुपये, महाराजगंज नगर सहकारी बैंक लिमिटेड पर 4 लाख रुपये, द सिटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और बांदा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 2-2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।