रीयल एस्टेट पकड़ रही रफ्तार, मकानों की बिक्री और आपूर्ति का अनुमान

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नई दिल्ली। जानकारी के अनुसार देश के सात प्रमुख शहरों में मकानों की बिक्री 2018 में 16 प्रतिशत बढक़र 2.45 लाख इकाई रह सकती है। सस्ते घरों की मांग अच्छी रहने से बिक्री में वृद्धि होने की उम्मीद है। संपत्ति से संबंधित परामर्श देने वाली फर्म एनारॉक ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही। सात शहरों में 2018 में मकानों की आपूर्ति 32 प्रतिशत बढक़र 1.93 लाख इकाई पर पहुंच गयी। इन शहरों में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे शामिल है। रेरा और जीएसटी का असर 2018 में अभी तक दिख रहा है लेकिन यह सामान्य होना शुरू हो गया है। डेवलपरों और ब्रोकरों ने रीयल एस्टेट बाजार की वास्तविकताओं को स्वीकार कर लिया है और उसका पालन करना शुरू कर दिया है। आवासीय क्षेत्र ने फिर से बढऩा शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, कभी भी भारतीय रीयल एस्टेट की विशेषता नहीं रही है पारदर्शिता और जवाबदेही। इस साल सामान्य प्रक्रिया बन गयी है और बाजार ने इसे लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।

क्या कहते है आंकड़े

शीर्ष सात शहरों में नए मका��ों की आपूर्ति 2018 के अंत तक 193600 इकाई रहने की उम्मीद है। यह 2017 के 146850 इकाई से 32 प्रतिशत अधिक है। किफायती मकानों की इसमें बड़ी हिस्सेदारी 41 प्रतिशत से अधिक है। रिपोर्ट में कहा कि 2018 में मकानों की बिक्री 245500 इकाई रहने की उम्मीद है। 2017 में यह आंकड़ा 211140 इकाई था। वार्षिक आधार पर इसमें 16 प्रतिशत की वृद्धि होगी। बगैर बिके मकानों की संख्या सितंबर 2018 के अंत में आठ प्रतिशत गिरकर 6.87 लाख इकाई रह गई। 2017 की तीसरी तिमाही में यह आंकड़ा 744000 इकाई था।


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