नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कई शहरों से देशभर में एक के बाद एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की खबरें आ रही हैं। इस खबर से लोगो को डरा दिया है, क्या वाकई इलेक्ट्रिक व्हीकल सुरक्षित हैं। ऐसे वीडियो देखने और सुनने के बाद सभी लोग जानना चाहते हैं आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। ताजा सूत्रों के अनुसार इन सवालों का जवाब एथर एनर्जी इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली स्टार्टअप कंपनी ने दिया है।
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एथर एनर्जी के अनुसार जो बैटरी इलेक्ट्रिक गाड़ियों में इस्तेमाल हो रही है, वही इसका सबसे बड़ा रीजन है गाड़ियों में आग लगने का। क्योंकि इन बैटरियों को ठंडे इलाकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। जबकि भारत में हर 100 से 200 किलोमीटर के बाद तापमान चेंज हो जाता है और यहां पर गर्मी भी अधिक पड़ती है। वहीं कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि अगर इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनियां गाड़ी की बैटरी बाहरी देशों से बुलवा रही है तो उसे भारत के मौसम के अनुकूल मॉडिफाई भी करना चाहिए।
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एक और प्रवक्ता ने कहा कि वह अपने उत्पाद के इलेक्ट्रिक स्कूटर में मॉडिफाइड बैटरी अलग आएगी जो भारतीय मौसम और सड़कों के अनुरूप होगी। मार्केट में गाड़ी उतारने के पहले उसे ऑन रोड टेस्टिंग की जाएगी। फिलहाल अभी गाड़ियों का रोड टेस्टिंग नहीं हो रहा है, अभी सिर्फ उनके डिजाइन पर ही कार्य चल रहा है जिसकी वजह से यह बड़ी चूक सामने आई है।
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उन्होंने आगे कहा कि गाड़ी का डिजाइन भले ही भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से ना हो लेकिन उनकी ग्रेड चार्जिंग और बुरी परिस्थितियों में फसने के अनुरूप गाड़ियों का स्ट्रक्चर तैयार करना चाहिए। गाड़ियों को बाजार में लॉन्च करने से पहले सभी मांगों पर टेस्टिंग होनी चाहिए क्योंकि यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है।
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वही आग लगने के बाद ओला ओकीनावा और प्योर इलेक्ट्रिक स्कूटर को लेकर सचेत है क्योंकि इस पर सरकार ने भी एक्शन ले लिया है और इसके जांच की जिम्मेदारी ओ रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की CFEES (सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव एंड एनवायरमेंट सेफ्टी) इकाई को सौंपा है। जो कि अभी तक लगी हुई स्कूटर में आग की जांच करेगी और इसकी रिपोर्ट सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को देगी सुझाव के साथ।