Reserve Bank of India : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इस निर्णय के बाद बैंक के ग्राहकों को असुविधा का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि वे अब अपने खातों में पैसा जमा या निकाल नहीं सकेंगे। दरअसल बैंक की खराब होती वित्तीय स्थिति इस कदम के पीछे का प्रमुख कारण है।
बनारस मर्केंटाइल सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द:
दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द करने का फैसला किया है। यह निर्णय बैंक की वित्तीय स्थिति के अत्यधिक खराब होने के कारण लिया गया है। 4 जुलाई के बाद से यह बैंक किसी भी प्रकार का बैंकिंग कार्य नहीं कर सकेगा। जानकारी के अनुसार RBI ने उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से बैंक के लिए लिक्विडेटर नियुक्त करने का अनुरोध किया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक के पास न तो आय के पर्याप्त स्रोत हैं और न ही पर्याप्त पूंजी। ऐसे में बैंक का संचालन जमाकर्ताओं के हित में नहीं है। बैंक की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वह अपने जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ है। जानकारी दे दें कि दिसंबर में बैंक पर प्रतिबंध लगाए गए थे और अब लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
जानिए कैसे मिलेगा ग्राहकों का पैसा वापस?
दरअसल बनारस मर्केंटाइल सहकारी बैंक के जमाकर्ताओं को अपना पैसा निकालने के लिए जमा बीमा और लोन गारंटी निगम (DICGC) के पास आवेदन करना होगा। वहीं बैंक के अनुसार, 99.98% जमाकर्ता DICGC के जरिए अपना पूरा पैसा वापस पा सकते हैं। DICGC किसी भी जमाकर्ता को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की राशि लौटाती है। 30 अप्रैल तक, DICGC ने 4.25 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है।
जमाकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारी:
लाइसेंस रद्द: 4 जुलाई के बाद से बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक कोई भी बैंकिंग कारोबार नहीं कर पाएगा।
DICGC आवेदन: जमाकर्ताओं को DICGC के माध्यम से अपने पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।
अधिकतम वापसी: DICGC अधिकतम 5 लाख रुपये तक की राशि किसी भी जमाकर्ता को वापस करती है।
लिक्विडेशन प्रक्रिया: उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से बैंक के लिए लिक्विडेटर अपॉइंट किया जाएगा।