Share market : भारतीय शेयर बाजार (indian share market) में आज शुरूआती कामकाज में फ्लैट कारोबार देखने को मिल रहा है। हालांकि भारतीय शेयर बाजार हर दिन नए आयाम स्थापित कर रहा है। दरअसल आज घरेलु शेयर बाजार ने अपना अभी तक का आल टाइम हाई बनाया है। आज शुरूआती कामकाज के दौरान सेंसेक्स (Sensex) के 30 में से 12 शेयर बढ़त लेते हुए दिखाई दे रहे हैं जबकि शुरूआती कारोबार के 18 में कमजोरी दर्ज की गई है। हालांकि हल्का उछलने के बाद बाजार में गिरावट देखने को मिली है।
जानकारी के अनुसार शुरूआती कामकाज में भारतीय शेयर बाजार ने एक नई ऊंचाई को छू लिया है। हालांकि शुरूआती कारोबार में आज सेंसेक्स 150 अंक की हल्की गिरावट दिखाई दी है। जिसके चलते सेंसेक्स (Sensex) ने अपना दिन का कामकाज 79,855 पर शुरू किया। जबकि निफ्टी (nifty) ने भी शुरूआती कारोबार के दौरान 50 अंक गिरकर अपना कारोबार 24,236 स्तर पर कारोबार शुरू किया।
आज एशियाई बाजारों में मिला-जुला कारोबार देखने को मिल रहा है। जबकि कुछ सूचकांक बढ़त दर्ज कर रहे हैं, वहीं कुछ में गिरावट देखने को मिल रही है। आइए, विस्तार से जानें प्रमुख एशियाई और अमेरिकी बाजारों का हाल।
एशियाई बाजारों का हाल:
जापान का निक्केई: जापान का प्रमुख सूचकांक निक्केई 0.38% की बढ़त के साथ व्यापार कर रहा है। यह वृद्धि मुख्य रूप से जापानी कंपनियों के सकारात्मक वित्तीय परिणामों और निवेशकों की उम्मीदों के कारण हो रही है।
ताइवान वेटेड: दूसरी ओर, ताइवान वेटेड सूचकांक में 0.80% की गिरावट देखने को मिल रही है। यह गिरावट ताइवान की तकनीकी कंपनियों के शेयरों में आई मंदी और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में रुकावटों के कारण हो रही है।
कोरिया का कोस्पी: कोस्पी सूचकांक में भी 0.71% की गिरावट है। कोरियाई बाजार में यह गिरावट प्रमुख उद्योगों में धीमी वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के प्रभाव के कारण हो रही है।
शंघाई कंपोजिट: चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक 0.08% की मामूली बढ़त के साथ व्यापार कर रहा है। यह वृद्धि चीन की अर्थव्यवस्था में स्थिरता और सरकारी नीतियों के समर्थन के कारण हो रही है।
हैंगसेंग: हांगकांग का हैंगसेंग सूचकांक 0.34% की बढ़त दर्ज कर रहा है। यह वृद्धि हांगकांग के वित्तीय और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सकारात्मक रुझान के कारण हो रही है।
अमेरिकी बाजारों का हाल:
डाओ जोंस: डाओ जोंस 50 अंक (0.13%) की बढ़त के साथ 39,169 पर बंद हुआ। इस बढ़त का कारण प्रमुख उद्योगों में निवेशकों का विश्वास और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार है।