Chittam Sudhir’s Success Story : कहते हैं जब सफलता पानी हो तो मेहनत करनी पड़ती है। इसके लिए बहुत सी चीजों का त्याग करना पड़ता है, क्योंकि मेहनत और सफलता पाने का एक समय होता है। अगर आपने उसे गंवा दिया, तो आप जीवन में आगे कभी कुछ नहीं कर सकते हैं। ऐसी ही एक सफलता की स्टोरी आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसने सिर्फ 50 हजार रुपये से काम की शुरूआत की थी और आज वह करीब 7.5 लाख रुपये महीने के कमा रहे हैं। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको चित्तम सुधीर की सक्सेस स्टोरी बताएंगे।
विशाखापत्तनम में हुआ जन्म
चित्तम सुधीर आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के निवासी हैं। उन्होंने एग्रीकल्चर में एमए (MA, Economics) किया है। साल 2018 में मात्र 50,000 रुपये से मिलेट इडली बेचने का अपना व्यवसाय शुरू किया था। उनकी सस्ती और सेहतमंद बाजरे की इडली ने उन्हें शहर में अलग पहचान दिलाई है। दरअसल, वह खास पत्तों में लपेटकर भाप में इडली को पकाते हैं। सुबह 6.30 बजे से ही ग्राहकों की भीड़ जमा हो जाती है। बता दें कि सुधीर का वासना पोली स्टॉल विशाखापत्तनम के एमवीपी कॉलोनी में स्थित है। वह 8 प्रकार के पौष्टिक मिलेट से बनी इडली बेचते हैं।
इसलिए खास है इडली
बता दें कि चित्तम सुधीर की इडली खास इसलिए है क्योंकि इसे वह विस्तारकू के पत्तों में स्टीम करते हैं। इन पत्तों में सूजन कम करने और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। सुधीर की इडली 8 अलग-अलग तरह के मिलेट कॉम्बिनेशन से बनती हैं। लोग इडली को लौकी, अदरक और गाजर जैसी सब्जियों से बनी चटनी के साथ खाना पसंद करते हैं। शुरुआत में कई चुनौतियां आईं। एक समय तो ऐसा था जब उनके अपने परिवार को भी उनके प्रयासों पर शक था, लेकिन सुधीर ने हार नहीं मानी। अपनी मेहनत और लगन से सफलता हासिल की। आज उनका वासना पोली स्टॉल बहुत मशहूर है।
50 हजार किया निवेश
चित्तम सुधीर ने 2018 में केवल 50,000 रुपये के निवेश से अपना मिलेट इडली स्टॉल शुरू किया था। वह श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम के आदिवासी किसानों से हर महीने लगभग 700 किलो बाजरा खरीदते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिलेट इडली बेचकर हर महीने करीब 7.5 लाख रुपये कमा लेते हैं। उनकी इडली की चर्चाओं ने पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का भी ध्यान आकर्षित किया था।