Stock Market : SEBI ने जारी किया नोटिफिकेशन, अब बाजार में फ्रॉड का पता लगाने और उसे रोकने की स्टॉक ब्रोकर्स की होगी जिम्मेदारी, पढ़ें यह जरूरी खबर

Stock Market : भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 27 जून को जारी किए गए एक नोटिफिकेशन में शेयर ब्रोकर्स के लिए एक संस्थागत व्यवस्था (Institutional Mechanism) बनाने का निर्देश दिया है। इस खबर में जानिए सेबी के नए नियम क्या है।

Rishabh Namdev
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Stock Market : अब शेयर बाजार में गड़बड़ियों का पता लगाने और उन्हें रोकने की जिम्मेदारी शेयर ब्रोकर्स पर भी होगी। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 27 जून को जारी किए गए एक नोटिफिकेशन में शेयर ब्रोकर्स के लिए एक संस्थागत व्यवस्था (Institutional Mechanism) बनाने का निर्देश दिया है। इस व्यवस्था के तहत, बाजार में होने वाली अनियमितताओं की पहचान और रोकथाम की जिम्मेदारी अब ब्रोकर्स पर भी होगी। बता दें कि इससे पहले, ब्रोकर्स के लिए ऐसा कोई नियम लागू नहीं था।

दरअसल SEBI ने अपने नोटिफिकेशन में यह स्पष्ट किया है कि शेयर ब्रोकर्स को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना 48 घंटे के भीतर स्टॉक एक्सचेंजों को देनी होगी। इसके साथ ही, उन्हें संदिग्ध गतिविधियों, धोखाधड़ी और बाजार के दुरुपयोग से संबंधित मामलों पर कार्रवाई की रिपोर्ट भी सबमिट करनी होगी।

ब्रोकर्स की जिम्मेदारी

SEBI के अनुसार, इस नई व्यवस्था के अंतर्गत ब्रोकिंग फर्मों और उनके वरिष्ठ प्रबंधन को मजबूत निगरानी और नियंत्रण प्रणाली के माध्यम से धोखाधड़ी की पहचान और उसे रोकने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। ब्रोकर्स को एक रिपोर्टिंग प्रणाली भी स्थापित करनी होगी। SEBI ने संभावित धोखाधड़ी और बाजार दुरुपयोग के उदाहरणों की एक सूची जारी की है, जिनकी निगरानी अनिवार्य होगी। इनमें शामिल हैं:

सौदे की भ्रामक छवि बनाना: झूठे या भ्रामक लेनदेन के माध्यम से शेयर के भाव को प्रभावित करना।

भाव में हेराफेरी: शेयर के मूल्य को गलत तरीके से ऊपर-नीचे करना।

फ्रंट रनिंग: संवेदनशील जानकारी के आधार पर अपने लाभ के लिए सौदे करना।

इनसाइडर ट्रेडिंग: अंदरूनी जानकारी के आधार पर लेन-देन करना।

गलत बिक्री: शेयरों की अनुचित तरीके से बिक्री।

अनधिकृत सौदे: बिना अनुमति के लेन-देन करना।

फ्रॉड और पीएफयूटीपी मानकों में बदलाव:

SEBI ने 27 जून से प्रभावी शेयर ब्रोकर्स और फ्रॉड और पीएफयूटीपी (Prohibition of Fraudulent and Unfair Trade Practices) मानकों में संशोधन किया है। इन नए नियमों के तहत, ब्रोकर्स को अपने आंतरिक नियंत्रण को सुदृढ़ करना होगा और किसी भी संदिग्ध गतिविधि का तुरंत पता लगाकर उसे रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा।

व्हिसलब्लोअर नीति का पालन:

इसके साथ ही SEBI के नोटिफिकेशन के मुताबिक, शेयर ब्रोकिंग कंपनियों को कर्मचारियों और अन्य स्टेकहोल्डर्स के लिए एक गोपनीय व्हिसलब्लोअर नीति स्थापित और लागू करनी होगी, जिससे संदिग्ध धोखाधड़ी, अनुचित या अनैतिक गतिविधियों की रिपोर्टिंग की जा सके। SEBI की नीति के अनुसार, व्हिसलब्लोअर को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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