Wed, Dec 24, 2025

Success Story: सैनिक भारत में सबसे पहले लेकर आए हॉर्लिक्स, बनी लोगों की पहली पसंद

Written by:Sanjucta Pandit
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ब्रिटेन के जेम्स और विलियम हॉर्लिक्स ने नवजात शिशुओं के लिए पोषक ड्राय फूड्स बनाने की कोशिश की। हालांकि, शुरुआती प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली।
Success Story: सैनिक भारत में सबसे पहले लेकर आए हॉर्लिक्स, बनी लोगों की पहली पसंद

Success Story : जब भी बात दूध में कुछ मिलाकर पीने की आती है, तो सबसे पहला नाम हॉर्लिक्स का आता है जोकि पावर बूस्टर के रूप में जाना जाता है। इस बच्चे से लेकर बुजुर्ग व्यक्ति तक पी सकते हैं। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको हॉर्लिक्स के दिलचस्प सक्सेस स्टोरी बताएंगे।

ऐसे पाई सफलता

दरअसल, ब्रिटेन के जेम्स और विलियम हॉर्लिक्स ने नवजात शिशुओं के लिए पोषक ड्राय फूड्स बनाने की कोशिश की। हालांकि, शुरुआती प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली। उनका काम आज हॉर्लिक्स ब्रांड के रूप में जाना जाता है, जो ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन की प्रॉपर्टी है। विलियम हॉर्लिक्स ने अमेरिका के विस्कॉन्सिन में जाकर वहां के पोषण की समस्याओं को समझा और बड़ी मेहनत के बाद अपने बड़े भाई जेम्स को भी बुलाया। दोनों भाइयों ने मिलकर बच्चों के लिए न्यूट्रीशन फूड्स बनाने की दिशा में काम करना शुरू किया। उन्होंने जौ दलिया को गर्म पानी में उबालकर उसमें मौजूद स्टार्च को शक्कर में बदलने का प्रयोग किया। इस प्रयोग से एक पोषक ड्रिंक तैयार हुआ, लेकिन दोनों भाइयों ने अपने उत्पाद को और भी बेहतर बनाने की चाहत रखी। इसके लिए दोनों ने जी तोड़ मेहनत की और सफलता हासिल की।

तैयार किया पोषक ड्रिंक

जेम्स और विलियम ने हार मानने के बजाय दूध को वैक्यूम में 140 डिग्री ताप पर उबालकर पानी मुक्त करने का प्रयोग किया। इससे जो ठोस पाउडर मिला, उसमें माॅल्टेड जौ दलिया का मिक्स डालकर उन्होंने एक नया पोषक ड्रिंक तैयार किया गया। हॉर्लिक्स की दस साल की मेहनत के बाद वे कृत्रिम माॅल्टेड मिल्क बनाने में सफल हो गए। इसके बाद, 1873 में उन्होंने शिकागो में “जे एंड डब्ल्यू हॉर्लिक्स” नामक एक कंपनी स्थापित की। 1883 में हॉर्लिक्स के इस उत्पाद को अमेरिकन पेटेंट मिला। 1910 में हॉर्लिक्स ब्रांड को एक बड़ा ब्रेक मिला, जिससे इस ब्रांड की लोकप्रियता और भी बढ़ी। द्वितीय विश्वयुद्ध से लौटे ब्रिटिश आर्मी के भारतीय सैनिक भारत में सबसे पहले हॉर्लिक्स लाए। इसके बाद, पंजाब, बंगाल और मद्रास की रियासतों के संपन्न परिवारों ने इसे एक परिवारिक ड्रिंक के रूप में अपनाया। बता दें कि 1970 के दशक से पहले भारत में दूध की कमी थी, जिससे हॉर्लिक्स की मांग बढ़ी थी, लेकिन श्वेत क्रांति के बाद जब भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बन गया, तब लोगों ने इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना लिया।