सुप्रीम कोर्ट ने Sahara India Group को 15 दिनों के भीतर 1000 करोड़ रुपये एक Escrow खाते में जमा करने का सख्त आदेश दिया है। वहीं अगर सहारा यह राशि समय पर जमा नहीं करता है, तो वर्सोवा की 12.15 मिलियन वर्ग फीट जमीन की नीलामी की जाएगी। जानकारी के अनुसार कोर्ट ने यह फैसला निवेशकों के हितों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है, ताकि उनकी राशि सुरक्षित रहे और समूह के खिलाफ उचित कदम उठाए जा सकें।
दरअसल अदालत ने सहारा समूह की वर्सोवा स्थित जमीन को नीलाम करने के भी निर्देश दिए हैं। वहीं यह निर्णय पहले दिए गए उन आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है, जिनमें सहारा को निवेशकों की रकम लौटाने को कहा गया था। दरअसल कोर्ट का यह कदम निवेशकों के हितों की सुरक्षा और उनके धन की वापसी सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
15 दिनों का सुप्रीम कोर्ट ने दिया समय
बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को कड़े निर्देश दिए कि वह 15 दिनों के अंदर 1000 करोड़ रुपये एक एस्क्रो खाते में जमा करे। वहीं यह निर्णय उन निवेशकों के हितों की सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया है, जो लंबे समय से अपनी राशि की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। दरअसल अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि सहारा समयसीमा के भीतर इस राशि का भुगतान नहीं करता है, तो वर्सोवा की जमीन को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
दरअसल यह जमीन कुल 12.15 मिलियन वर्ग फीट की है, जिसे ‘जैसी है, जहां है’ के आधार पर बेचा जाएगा। बता दें कि अदालत ने यह भी साफ कर दिया है, कि जमीन की बिक्री का आदेश तभी प्रभावी होगा, यदि सहारा समूह तय समय पर संयुक्त उद्यम या विकास समझौता अदालत में पेश करने में विफल रहता है।
निवेशकों को उनके धन की वापसी
बता दें कि वर्सोवा की जमीन बिक्री के लिए तैयार सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि सहारा समूह 15 दिनों के भीतर कोई संयुक्त उद्यम या विकास समझौता अदालत में प्रस्तुत करने में असफल रहता है, तो वर्सोवा की 12.15 मिलियन वर्ग फीट जमीन बेच दी जाएगी। इस बिक्री से प्राप्त धनराशि का उपयोग उन निवेशकों को उनके धन की वापसी के लिए किया जाएगा, जो 2012 में सेबी-सहारा रिफंड आदेश के तहत प्रभावित हुए थे। उस समय, सेबी ने सहारा को 25,000 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया था, लेकिन समूह ने इस आदेश का पालन नहीं किया।