गहरीकरण के दौरान कुएं की मिट्टी धंसी, तीन मजदूरों की दबकर मौत, मुख्यमंत्री ने जताया दुःख, की सहायता राशि की घोषणा

पुलिस बल, होमगार्ड और एनडीआरएफ की टीम ने तुरंत रेस्क्यू कार्य शुरू कर मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने का हरसंभव प्रयास किया, परन्तु बचाया नहीं जा सका।

Atul Saxena
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Chhindwara News: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से एक बुरी खबर सामने आ रही है, जिले के ग्राम खूनाझिरखुर्द में पुराने कुएं के गहरीकरण के कार्य के दौरान मिट्टी धंसक गई जिसमें 6 मजदूर दब गए, जानकारी मिलते ही प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और मशक्कत के बाद तीन मजदूरों को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मजदूरों की मौत पर दुःख जताया है और सरकार की तरफ से 4 – 4 लाख रुपये सहायता राशि की घोषणा की है।

जानकारी के मुतबिक ग्राम खूनाझिरखुर्द में निजी जमीन पर पुराने कुएं के गहरीकरण का काम हो रहा था जिसमें 6 मजदूर लगे हुए थे अचानक कुएं की मिट्टी धंसक गई और मजदूरों पर गिर गई, मिट्टी धंसकने के कारण उसमें मजदूर दब गए, सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम घटना स्थल पर पहुंची , प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और तीन मजदूरों की बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया जहाँ शुरूआती जाँच में ही डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

तीन मजदूरों के अभी भी दबे होने की आशंका, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी 

उधर बताया जा रहा है कि कुएं में तीन और मजदूर दबे हुए हैं जिनके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है जो मजदूर फंसे हुए बताये जा रहे हैं उनमें एक माँ बेटे भी शामिल हैं, प्रशासन कल मंगलवार से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है, कहा जा रहा है कि जो मजदूर अभी फंसे हैं उनमें से एक से बात हो प् रही है शेष की आवाज नहीं सुनाई दे रही, ये मजदूर रायसेन जिले के रहने वाले बताये गए हैं।

सीएम डॉ मोहन यादव ने मजदूरों की मौत पर जताया दुःख 

घटना पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने गहरा दुःख जताया है, उन्होंने सहायता राशि की घोषणा भी की है, सीएम ने X पर लिखा-छिंदवाड़ा जिले अंतर्गत ग्राम खूनाझिरखुर्द में निजी जमीन पर पुराने कुएं के गहरीकरण के दौरान मिट्टी धंसने से हुई दुर्घटना में 3 मजदूरों की असामयिक मृत्यु का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री ने 4-4 लाख रुपये सहायता राशि घोषित की  

पुलिस बल, होमगार्ड और एनडीआरएफ की टीम ने तुरंत रेस्क्यू कार्य शुरू कर मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने का हरसंभव प्रयास किया, परन्तु बचाया नहीं जा सका। नियमानुसार, शासन की ओर से सभी मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख की आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी। परमपिता परमात्मा दिवंगत आत्माओं को शांति और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करे, यही प्रार्थना करता हूँ।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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