भारत में यूपीआई लाइट का इस्तेमाल लाखों लोग कर रहे हैं। यह उपभोक्ताओं को बिना यूपीआई पिन के कम वैल्यू वाले भुगतान की अनुमति देता है। यूजर्स के लिए इसे सुविधाजनक बनाने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन आफ इंडिया इससे जुड़े नियमों में बड़ा (UPI Lite Rules) बदलाव किया है।
नए नियमों के तहत ग्राहक यूपीआई लाइट वॉलेट के फंड को विथ्ड्रॉ कर पाएंगे और इसे सोर्स बैंक में ट्रांसफर कर पाएंगे। यह सुविधा 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी। वर्तमान में यूपीआई लाइट अकाउंट या वॉलेट में बचे हुए बैलेंस को सीधे सोर्स बैंक अकाउंट में वापस भेजने की सुविधा नहीं मिलती है।
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यूजर्स को कैसे होगा लाभ?
वर्तमान में यूपीआई लाइट यूजर्स को वन-वे फंड ट्रांसफर करने की अनुमति होती है। वे अकाउंट से वॉलेट में पैसे डाल तो सकते हैं लेकिन इसे वापस बैंक अकाउंट में ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें यूपीआई लाइट अकाउंट को डीएक्टिवेट करना पड़ता है। लेकिन ट्रांसफर आउट नियम जारी होने से लागू होने से ग्राहकों को सोर्स बैंक अकाउंट में पैसे भेजने में कोई परेशानी नहीं होगी। बस एक बटन पर क्लिक करके लाइट अकाउंट के फंड को यूजर्स अपने खाते में प्राप्त कर पाएंगे।
बैंकों को निर्देश दिए गए
“ट्रांसफर आउट” सुविधा को लेकर एनपीसीआई ने सर्कुलर जारी किया है। सभी बैंकों, पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर और यूपीआई लाइट की पेशकश करने वाले सभी प्लेटफॉर्मों को यह सुविधा लागू करने का निर्देश दिया है। जिसके लिए आखिरी तारीख 31 मार्च 2025 है।
दिसंबर में आरबीआई ने बदले थे यूपीआई लाइट के नियम
दिसंबर 2024 में भी आरबीआई ने यूपीआई से जुड़े नियमों में बदलाव किया था। वॉलेट और ट्रांजैक्शन लिमिट को बढ़ाया गया था। वॉलेट कैपेसिटी को 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये करने की घोषणा रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा की गई थी। वहीं प्रति ट्रांजेक्शन लिमिट को 500 रुपये से बढ़कर 1000 रुपये किया गया था।