Wed, Dec 24, 2025

लगातार 3 महीने से बाउंस हो रही है आपके लोन की किस्त? जानिए किस मुश्किल में फंस सकते हैं आप

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
लगातार 3 महीने से बाउंस हो रही है आपके लोन की किस्त? जानिए किस मुश्किल में फंस सकते हैं आप

Loan Installment Bounce : अपने खुद के घर का सपना पूरा करने के लिए अधिकांश लोग लोन का सहारा लेते हैं क्योंकि, एक घर बना पाना सबके बस की बात नहीं होती। नौकरी की तन्ख्वाह से घर चलाने के साथ साथ घर बनाने के लिए पैसे जोड़ पाना आसान नहीं होता। ऐसे हालात में अपने घर का सपना साकार करते हैं बैंक या फाइनेंशियल कंपनियां। जो इस मकान, दुकान या कार लेने तक के लिए लोन देती हैं।

लोन लेने के बाद हर महीने लोन की ईएमआई यानी कि इंस्टॉलमेंट चुकानी पड़ती है। कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ कारणों के चलते लोग बैंक की किस्ते नहीं चुका पाते। एक या दो महीने तक तो आप बिना किश्त चुकाए काम चला सकते हैं लेकिन तीसरे महीने भी यही हाल रहा तो आप तकलीफ में आ सकते हैं। क्योंकि, ऐसा करने पर बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर देगा। समझिए आपकी समस्या किस तरह से बढ़ सकती है।

Loan Installment Bounce के नुकसान 

क्या है नियम?

नियमों के अनुसार अगर आप 90 दिन तक बैंक की किश्त अदा नहीं करते तो बैंक उस लोन को NPA यानी कि नॉन प्रोफिट एसेसट घोषित कर सकता है। कुछ वित्तीय संस्थान 90 की जगह 120 दिन की लिमिट भी देते हैं। लेकिन बैंक ज्यादा दिनों के लिए एनपीए घोषित करने में टालते नहीं है।

सिबिल स्कोर पर असर

लोन बार बार बाउंस होता है तो उसका असर आपके सिबिल स्कोर पर भी पड़ता है। सिबिल स्कोर का खराब होना आपको आगे भी मुश्किल में डाल सकता है। क्योंकि, सिबिल स्कोर का खराब होना बैंक के लिए आपकी विश्वसनीयता को खत्म करता है।

एनपीए की कैटेगरी

एक बार प्रोपर्टी एनपीए घोषित होती है तो वो भी तीन अलग अलग कैटेगरी में डिफाइन होती है। प्रॉपर्टी को एनपीए घोषित करने का ये मतलब नहीं होता कि बैंक उसे तुरंत नीलाम कर देगी। उनकी पहले कैटेगरी तय होगी, ये कैटेगरी होती है सबस्टैंडर्ड असेट, डाउटफुल असेट औस लॉस असेट। कोई सा भी लोन या खाता एक साल तक के लिए सबस्टैंडर्ड असेट घोषित होता है। इसके बाद उसे डाउटफुल असेट मान लिया जाता है. और, जब बैंक को ये लगता है कि प्रॉपर्टी से लोन वसूली की सारी उम्मीद खत्म हो चुकी है। तब बैंक उसे लॉस असेट मांन लेता है, इसके बाद बैंक उस प्रॉपर्टी को नीलाम करने के बारे में सोचता है।

नीलामी से भरपाई

बैंक लोन चुकाने के लिए कई मौके देता है इसके बावजूद कोई व्यक्ति कर्ज नहीं चुका पाता तो बैंक उसकी प्रॉपर्टी को अपने कब्जे में ले सकता है। इसके बाद बैंक उस प्रॉपर्टी को कभी भी नीलाम कर सकता है।