स्कूलों में अब क्म्पोजिट स्किल लैब्स जरूरी, CBSE ने जारी किया नोटिस, दिए ये निर्देश, छात्रों को होगा लाभ 

सीबीएसई ने स्कूलों में Composite Skill Labs को अनिवार्य कर दिया है। गोवर्निंग बॉडी की 139वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया है।

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CBSE Notice: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत सीबीएसई मेंने एजुकेशन सिस्टम में कई बदलाव किए हैं। विभिन्न स्किल सब्जेक्ट को भी जोड़ा गया है। लेकिन बोर्ड ने पाया की कई स्कूलों में इन कौशल विषयों के व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आवश्यक सुविधाओं और उपकरणों का अभाव देखा है। इसलिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सभी सम्बद्ध स्कूलों में कक्षा 6 से 12वीं के लिए क्म्पोजिट स्कूल लैब को अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में प्राचार्यों और स्कूल प्रमुखों को नोटिस भी जारी किया है।

क्म्पोजिट स्किल लैब्स क्यों जरूरी? (Why Composite Skill Labs Important?)

एनईपी 2020 और स्कूल शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा के तहत विशेष रूप से छठी से दसवीं कक्षा के लिए कौशल शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे में  कक्षा 6 से आगे के छात्रों के लिए कौशल विषयों को पाठ्यक्रम में अनिवार्य किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को पारंपरिक शैक्षणिक विषयों के साथ-साथ व्यवहारिक कौशल से लैस करना है। एनसीएफ-एसई के तहत स्कूलों में छात्रों को कौशल से संबंधित वास्तविक दुनिया के कार्यों और परियोजनाओं में शामिल होने के अवसर प्रदान करने चाहिए। इस प्रकार सिद्धांत और व्यवहार के बीच दूरी खत्म होगी। इसलिए स्कूलों  अच्छी तरीके से सुसज्जित कौशल प्रयोगशालाओं और व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना होनी चाहिए। यह सुविधा प्रभावी कौशल विकास और व्यावहारिक अनुभव के लिए जरूरी संसाधन और वातावरण प्रदान करती हैं।

क्म्पोजिट स्किल लैब्स के फायदे (Benefits)

स्कूलों में क्म्पोजिट स्किल लैब्स की स्थापना से सबसे ज्यादा फायदा छात्रों को होगा। ऐसे में जरूरत के हिसाब से व्यवहारिक कौशल और प्रशिक्षण प्रदान करने में भी मदद मिलेगी।  छात्रों के लिए रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेगी। पारंपरिक विकल्पों से परे विविध कैरियर मार्गों की खोज करने में छात्रों  के लिए यह सहायक साबित होगी। साथ ही उद्यमशीलता क्षमताओं को भी बढ़ावा मिलेगा।

सीबीएसई ने जारी की गाइडलाइंस, 3 साल का समय दिया (CBSE Guidelines)

सभी संबद्ध स्कूलों को कक्षा 6 से लेकर 12वीं के लिए 600 वर्ग फुट के क्षेत्र की एक समग्र कौशल प्रयोगशाला स्थापित करने का निर्देश दिया है। या फिर स्कूल 400 वर्ग फुट क्षेत्र की दो-दो अलग-अलग प्रयोगशालाएं भी स्थापित कर सकते हैं, जिसमें से एक कक्षा 6 से 10 और दूसरा  कक्षा बारहवीं तक के लिए होगा।जो भी स्कूल जो भी स्कूल सीबीएसई के साथ नई सम्बद्धता चाहते हैं उनके कंपोजिट स्किल लैब अनिवार्य होगा। वहीं जो स्कूल पहले से एफिलेटेड हैं, उन्हें 3 वर्ष का समय कंपोजिट इसकी लेफ्ट स्थापित करने के लिए दिया गया है। बोर्ड ने स्कूलों को पाठ्यक्रम से अधिक से अधिक स्किल सब्जेक्ट के विकल्प प्रदान करने की सलाह दी है। वहीं जिन स्कूलों ने अभी तक कौशल विषयों को शुरू नहीं किया है, उन्हें कम से कम एक कौशल विषय पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्देश दिया गया है। 


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Manisha Kumari Pandey

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