Cheapest Medical Colleges: ये हैं भारत के 3 सबसे सस्ते मेडिकल कॉलेज, यहाँ देखें लिस्ट

Cheapest Medical Colleges: बारहवीं के बाद कई छात्रों का सपना डॉक्टर बनने का होता है। भारत में मेडिकल कॉलेजों की फीस बहुत ज्यादा होती है। कई लोगों के लिए इस क्षेत्र में करियर बनाना बहुत मुश्किल हो जाता है। खासकर उन छात्रों के लिए जिनके अभिभावकों की इनकम बहुत ही कम होती है। हर साल लाखों उम्मीदवार एमबीबीएस प्रोग्राम के लिए NEET परीक्षा में शामिल होते हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेजों के मुकाबले  प्राइवेट कॉलेजों की फीस बहुत ही अधिक होती है। कुछ ऐसे भी कॉलेज हैं, जहां बहुत कम शुल्क में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की सुविधा मिलती है।

आर.जी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल

Calcutta School Of Medicine के रूप में इस कॉलेज की स्थापना वर्ष 1886 में हुई थी। यह एशिया के सबसे पुराने कॉलेजों में से एक है। नीट स्कोर और बोर्ड परीक्षा के अंकों के आधार पर यहाँ दाखिला मिलता है। कॉलेज के फीस की बात करें तो, हर सेमेस्टर 12,000 से लेकर 19000 रुपये तक का भुगतान करना होता है।


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Manisha Kumari Pandey

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पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"