क्या आप भी अपना इंटर्नशिप का सफर गूगल से शुरू करना चाहते हैं? क्या आप गूगल में नौकरी की तलाश में हैं? अगर आप दुनिया की टॉप टेक कंपनी गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का सपना देख रहे हैं तो आज इस खबर में हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार से यह टॉप टेक कंपनी इंटर्न हायर करती है। दरअसल, कई बार गूगल में इंटर्नशिप इसलिए नहीं मिल पाती क्योंकि इसका इंटरव्यू प्रोसेस बेहद कठिन होता है। हालांकि एक भारतीय टेक प्रोफेशनल ने बताया है कि गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की इंटर्नशिप कैसे हासिल की जा सकती है। जानिए, उनके मुताबिक इसके लिए क्या करना होगा।
दरअसल, इस भारतीय टेक एक्सपर्ट ने अपने गूगल इंटर्नशिप के सफर को शेयर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि किस प्रकार से लिंक्डइन पर एक पोस्ट के ज़रिए उन्होंने गूगल की इंटर्नशिप हासिल की। उनकी इस पोस्ट पर गूगल द्वारा भी एक कमेंट किया गया।
जानिए कैसा रहा इंटर्नशिप का सफर
उन्होंने बताया कि उन्होंने गूगल करियर पेज पर जाकर अप्लाई किया था और कुछ ही दिनों में उन्हें ऑनलाइन असेसमेंट के लिए इनवाइट भी मिल गया। उनके असेसमेंट में दो डेटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम की समस्याएं शामिल थीं, जिन्हें उन्होंने हल कर लिया। इसके कुछ ही दिनों बाद उन्हें टेक्निकल इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। टेक्निकल इंटरव्यू 45-45 मिनट के दो चरणों में हुआ, जो पूरी तरह से DSA समस्याओं पर केंद्रित था।
किन स्किल्स पर देना होगा ध्यान?
उन्होंने जानकारी दी कि किस प्रकार से आप भी दुनिया की टॉप टेक कंपनी में इंटर्नशिप हासिल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इंटरव्यू की शुरुआत में उनसे कई सवाल पूछे गए और उनकी समाधान करने की क्षमता को परखा गया। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि हमेशा बड़े स्तर पर सोचना चाहिए और कम्युनिकेशन पर ध्यान देना चाहिए। इंटरव्यू लेने वाला हमेशा आपकी रीजनिंग को टेस्ट करता है, ऐसे में विचारों को स्पष्ट शब्दों में व्यक्त करना आना चाहिए। समाधान करने से पहले हमेशा सवालों को ठीक प्रकार से समझना चाहिए, ताकि जवाब देने में आसानी हो सके।
कैसे मिला ऑफर लेटर
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि टेक्निकल राउंड पास करने के बाद उन्हें होस्ट मैचिंग फेज़ में भेजा गया, जो गूगल के इंटरव्यू प्रोसेस का एक खास हिस्सा है। इंटरव्यू पास करने के बाद भी गूगल की ओर से उम्मीदवार को तुरंत ऑफर लेटर नहीं दिया जाता, बल्कि इसके लिए एक और प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है जिसमें सही उम्मीदवार को अंतिम रूप से चुना जाता है। इस दौरान उम्मीदवार की प्रोफाइल की समीक्षा की जाती है।
बता दें कि भारतीय प्रोफेशनल को डबलिन स्थित गूगल एड्स मशीन लर्निंग SRE टीम के होस्ट ने कॉन्टैक्ट किया था। उन्होंने जानकारी दी कि होस्ट मैचिंग इंटरव्यू में प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से चर्चा की गई और उनके बैकग्राउंड, एजुकेशन, ईमेल कॉन्सेप्ट और पहले के वर्क एक्सपीरियंस को लेकर भी गहराई से बातचीत हुई।
सिर्फ टेक्निकल राउंड से नहीं होगा काम
उन्होंने यह भी बताया कि केवल टेक्निकल राउंड क्लियर करने से ही इंटर्नशिप नहीं मिलती है। हर बार यह पूरी तरह से होस्ट की उपलब्धता और प्रोजेक्ट की आवश्यकता पर निर्भर करता है। हालांकि होस्ट मैच होने के कुछ दिनों बाद उन्हें गूगल की सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग इंटर्नशिप का ऑफर लेटर मिल गया।





