CUET UG देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक है, जिसमें लाखों छात्र अपने कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए मेहनत करते हैं। ऐसे में कई छात्रों के मन में यह सवाल आता है कि सिर्फ़ NCERT की किताबें पढ़कर ही एक एग्ज़ाम पास किया जा सकता है? अगर आपको भी ऐसा ही लगता है, तो हम आपको बता दें कि NCERT की किताबें पढ़ना एग्ज़ाम की तैयारी को मज़बूत कर सकता है, लेकिन सिर्फ़ इन्हीं किताबों पर डिपेंड रहना काफ़ी नहीं होगा।
CUET UG जी की तैयारी करने वाले छात्रों को यह समझना ज़रूरी है कि परीक्षा सिर्फ़ किताबों में दिए गए एकेडमिक नॉलेज तक सीमित नहीं है। इसमें जनरल नॉलेज, रीज़निंग और कैलकुलेशन स्किल्स जैसे सेक्शन भी आते हैं। जिनकी जानकारी NCERT किताबों में नहीं पाई जाती है। इन सेक्शन की अच्छी तैयारी करने के लिए अतिरिक्त स्टडी मटेरियल, प्रैक्टिस टेस्ट और मॉक टेस्ट का सहारा लेना ज़रूरी है।

क्या CUET की तैयारी के लिए NCERT जरुरी है?
NCERT की किताबें CUET की परीक्षा की तैयारी के लिए बहुत ज़रूरी है क्योंकि ये 12वीं क्लास के कोर्स को अच्छे से कवर करती है और बेसिक कॉन्सेप्ट को समझने में मदद करती है। ये किताबें आपकी एकेडेमिक समझ को मज़बूत करती है, जिससे विषयों पर अच्छी पकड़ बनती है। लेकिन सिर्फ़ इन्हीं पर निर्भर रहना काफ़ी नहीं होगा, क्योंकि इस परीक्षा में ऐसे कई सवाल आते हैं जो गहरे कॉन्सेप्ट और उनके एप्लीकेशन की माँग करते हैं।
क्या CUET की तैयारी के लिए सिर्फ NCERT किताबें ही काफी हैं?
- NCERT किताबें बेसिक कॉन्सेप्ट को कवर करती है। लेकिन CUET UG में कुछ सवाल गहरे स्तर पर पहुँचे जा सकते हैं। इसलिए छात्रों को अतिरिक्त अध्ययन की ज़रूरत होती है।
- NCERT में MCQ पैटर्न के सवाल कम होते हैं। जबकि, CUET UG में ज़्यादातर सवाल ऑब्जेक्टिव फॉर्मेट में होते हैं। इसलिए सैंपल पेपर और प्रीवियस ईयर क्वेश्चन पेपर से प्रैक्टिस करना ज़रूरी है।
- CUET UG में लॉजिकल रीज़निंग, क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड और करंट अफेयर्स जैसे सेक्शन भी होते हैं, जो NCERT में नहीं मिलते। इसके लिए अलग से स्टडी मटीरियल की आवश्यकता होती है।