MP Board Result 2023 : सीबीएसई सहित कई राज्यों के परीक्षार्थी परीक्षा परिणाम की राह देख रहे हैं। दरअसल एमपी बोर्ड के परीक्षा परिणाम मई के अंत तक जारी किए जा सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक परीक्षा परिणाम को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। हालांकि रिजल्ट लगभग तैयार कर लिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि 10वीं 12वीं के परीक्षा परिणाम 10 मई के बाद जारी किए जा सकते हैं जबकि पांचवी और आठवीं के परीक्षा परिणाम की घोषणा भी 15 मई के बाद की जा सकती है।
10 मई को रिजल्ट जारी किया जा सकता है
हालांकि मध्यप्रदेश में पहले दावा किया जा रहा था कि एमपी बोर्ड के परीक्षा परिणाम 29 अप्रैल को जारी कर दिए जाएंगे। हालांकि किसी कारणवश रिजल्ट को जारी नहीं किया गया है।अब सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक 10 मई को रिजल्ट जारी किया जा सकता है। फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है। दोनों कक्षाओं के परीक्षा परिणाम 20 मई तक जारी होने की उम्मीद है।
स्कूटनी के लिए कर सकते हैं आवेदन
वही एमपी बोर्ड की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस टॉपर्स की लिस्ट भी जारी किए जाएंगे। शिक्षा मंत्री द्वारा रिजल्ट की घोषणा की जाएगी। वही 10वीं-12वीं की परीक्षा में नंबर से नाखुश छात्र स्कूटनी के लिए आवेदन कर सकते हैं। वही एक या दो विषय में असफल रहने वाले छात्र कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
5वीं-8वीं परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन का कार्य पूरा
इधर एमपी बोर्ड पांचवी और आठवीं परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन का कार्य पूरा किया जा रहा है। छोटे जिलों के मूल्यांकन का कार्य 90% पूरा किया जा चुका है। 30 अप्रैल तक इसे पूरे किए जाना था लेकिन ऑनलाइन अंकों की प्रविष्टि के कारण कार्य धीमी गति से पूरा किया जा रहा है। हालांकि परीक्षा परिणाम तैयार करने में और थोड़ी देरी हो सकती है जबकि उम्मीद जताई जा रही है कि परिणाम 15 मई तक जारी किए जा सकते हैं।
राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस के मुताबिक भोपाल और इंदौर की कॉपियों का मूल्यांकन कार्यक्रम हुआ है। 5 मई तक इसे पूरा किया जाना है ताकि 15 मई तक पांचवी और आठवीं के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएं। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा 5वी और 8वीं का मूल्यांकन कार्य की समीक्षा की गई है। इसमें पाया गया कि भोपाल में 67 , इंदौर में 64 , ग्वालियर में 94 , जबलपुर में 94 , देवास में 91% मूल्यांकन का कार्य पूरा किया जा चुका है। वहीं जिला परियोजना समन्वयक सीमा गुप्ता के मुताबिक जिले में अंग्रेजी माध्यम के बच्चे अधिक हैं जबकि सरकारी स्कूल के शिक्षक कम पड़ रहे हैं। ऐसे में निजी स्कूल के शिक्षक को भी मूल्यांकन कार्य कराने की अनुमति की मांग की गई है।