भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में MP Board 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए गए। 10वीं की परीक्षा परिणाम घोषित होने के साथ ही अब MP College यूजी में एडमिशन (uG Admission) लेने की तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच उच्च शिक्षा विभाग (Higher education department) द्वारा शिक्षा सत्र 2022 के लिए एडमिशन के लिए गाइडलाइन (guideline) जारी कर दी है। वहीं कुछ नियम में बदलाव भी किया गया है। नई नीति लागू (NEP 2020) होने की वजह से कई नियम बदले गए हैं। जिसको जानना छात्रों के लिए बेहद आवश्यक है।
मध्य प्रदेश में शासकीय व निजी स्कूल में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया 17 मई से शुरू होगी। इसके लिए उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने भी घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि सीएलसी लेने में छात्रों को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना ना करना पड़े। इसके लिए सीएलसी को 100% ऑनलाइन किया गया है।
अन्य नियम
- इसके अलावा राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के विद्यार्थियों को भी बड़ा लाभ दिया गया था।
- बी सी और डी के अधिभार में वृद्धि करते हुए आवेदकों को गुणात्मक अनुसार प्रवेश का अवसर दिया जाएगा।
- इतना ही नहीं प्रवेश प्रक्रिया में छात्रों को अपग्रेडेशन के लिए ऑनलाइन शुल्क जमा करने के साथ ही ऑनलाइन सहमति और असहमति व्यक्त करनी होगी।
- प्रवेश निरस्त स्पष्टीकरण के लिए आवेदन ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करेंगे।
- संबंधित महाविद्यालय को ₹100 प्रक्रिया शुल्क राशि 10 दिन के अंदर आवेदक के खाते में अंतरित करनी होगी।
- इसके अलावा प्रवेश पोर्टल पर पृथक से अल्पसंख्यक महाविद्यालय ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के लिए भी प्रावधान निर्मित किए गए हैं।
- अल्पसंख्यक महाविद्यालय में अपग्रेडेशन की प्रक्रिया लागू रहेगी। ऐसे आवेदक जिनके परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हुए हैं।
- उन्हें प्रवेश का अवसर प्रदान करने के लिए 2 वर्ष में परीक्षा परिणामों के प्राप्तांक को आधार बनाया जाएगा।
- इतना ही नहीं धर्म कर्म और ज्योतिष भी पढ़ाई की जाएगी इसके लिए कॉलेज में नए कोर्स शुरू किए जाएंगे।
जिसका लाभ छात्रों को मिलेगा। दरअसल छात्रों को कॉलेज लेवल काउंसलिंग के लिए कॉलेज जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री का कहना है कि कॉलेज ऐडमिशन प्रोसीजर के एक चरण में सीएलसी के तीन राउंड निर्धारित किए गए हैं। छात्र अधिकतम पर कॉलेज का चयन कर सकते हैं। इन 15 कॉलेज में CLC के तीन राउंड पूरे होंगे। छात्र अपने कंप्यूटर लैपटॉप के माध्यम से घर बैठे भी काउंसलिंग का हिस्सा हो सकेंगे।
उच्च शिक्षा विभाग ने छात्र को बड़ी राहत दी है। दरअसल प्रवेश प्रक्रिया के लिए ट्रांसफर सर्टिफिकेट फॉर माइग्रेशन जमा करने की भी आवश्यकता नहीं होगी। एक एफिडेविट के जरिए छात्रों को दूसरे कॉलेज में एडमिशन मिलेगा। एफिडेविट में देना होगा कि वह किसी दूसरे कॉलेज में प्रवेश नहीं ले रहे हैं।
इसके अलावा कला संस्कृति, एनसीसी, एनएसएस, रेड क्रॉस सहित खेलकूद के छात्रों को प्रवेश प्रक्रिया में प्रत्येक कॉलेज में 5-5 सीटों की वृद्धि की गई है। इसके लिए सीट आरक्षित कर आउट्राइट प्रवेश दिया जाएगा। उच्च शिक्षा में टर्म 1 की परीक्षा परिणाम के आधार पर 12वीं के छात्र प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने समस्त कॉलेज में दाखिल के लिए प्रवेश प्रक्रिया 17 मई से शुरू करने की घोषणा की है।
इसके साथ जिन आवेदक छात्रों के स्केन दस्तावेज अस्पष्ट होंगे। उन्हें संबंधित महाविद्यालय द्वारा मोबाइल पर मैसेज भेजा जाएगा और उससे उनकी स्पष्टता पूछी जाएगी। साथ ही समय सीमा में छात्रों को महाविद्यालय में उपस्थित होकर मूल दस्तावेज के आधार पर सत्यापन की कार्रवाई को भी पूरा करना अनिवार्य होगा।
भोपाल : अब नहीं चलेगी निजी स्कूलों की मनमानी, सांसद साध्वी प्रज्ञा के निर्देश पर बनी समिति
इसके अलावा छात्रों को अपग्रेडेशन के लिए ऑनलाइन शुल्क जमा करने के लिए ऑनलाइन ही सहमति असहमति व्यक्त करनी होगी। अपग्रेडेशन होने के बाद रिक्त स्थानों पर प्रवीणता के आधार पर आवेदकों को आवंटन पत्र आवेदन शुल्क जमा करने के 3 दिन के बाद दिया जाएगा।
वही ऐसे आवेदक जिनके परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हुए हैं। उन्हें प्रवेश का अवसर प्रदान करते हुए 2 वर्ष के लिए परीक्षा परिणामों के प्राप्तांक के आधार पर उनके मेरिट निर्धारित की जाएगी। साथ ही आवेदक से किसी प्रकार की कोई दस्तावेज- फोटोकॉपी कॉलेज स्तर पर नहीं लिया जाएगा।