UGC Notice: उच्च शिक्षण संस्थानों ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) ने बड़ा कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन करते हुए जिला स्तर एंटी रैगिंग पैनल (Anti Ragging Panel) का गठन किया जाएगा। इस संबंध में यूजीसी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख शासन सचिव के साथ-साथ सभी जिलों के कलेक्टर, एसएसपी, डीसीपी और एसपी को गाइड्लाइंस जारी की है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत यूजीसी ने उठाया यह कदम
आयोग का यह कदम सिविल अपील संख्या 887/2009 में 8 मई 2009 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अनुसरण करता है। “उच्च शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग के खतरे को रोकने के लिए विनियमन 2009” के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए यूजीसी ने नोटिस जारी किया है। रैगिंग को आपराधिक बताते हुए और इसके रोकथाम और निषेध से संबंधित नियम ऑफिशियल वेबसाइट ugc.gov.in और antiragging.in पर उपलब्ध हैं।
एंटी रैगिंग कमिटी में शामिल होंगे ये लोग
जिला स्तरीय एंटी रैगिंग कमिटी के हेड जिला कलेक्टर/डिप्टी कमिश्नर/जिला मेजिस्ट्रेट होंगे। कॉलेज/यूनिवर्सिटी/संस्थान के प्रमुख, एसएसपी, एसपी, एडीएम, लोकल मीडिया प्रतिनिधि, जिला स्तर के गैर-शासकीय संस्थान के प्रतिनिधि, छात्र संगठन के लिए प्रतिनिधि, लोकल पुलिस, लोकल प्रशासन और संस्थागत प्राधिकारी इसस कमिटी का हिस्सा होंगे। कमिटी उच्च शिक्षा संस्थानों में रैगिंग की जांच करेगी।
गर्मी की छुट्टी में कमिटी करेगी बैठक का आयोजन
यूजीसी ने जिला स्तरीय एंटी रैगिंग कमिटी को गर्मी की छुट्टी के दौरान प्रत्येक संस्थान की तैयारी और उच्च शिक्षण संस्थानों के अधिकारियों की प्रासंगिक नीतियों, निर्देशों और दिशानिर्देशों के साथ-साथ रैगिंग की रोकथाम पर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का अनुपालन करने के लिए तैयारी बैठक आयोजित करने का निर्देश जारी है। इसके अलावा संस्थानों से रैगिंग की अप्राधिकता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाने का आग्रह भी किया है।