रायपुर, डेस्क रिपोर्ट।7 Pay Commission.देश में एक बार फिर कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है। एक तरफ केंद्रीय कर्मचारियों का जल्द महंगाई भत्ता (DA Hike) 34 फीसदी होने की चर्चाएं जोरों पर है वही दूसरी तरफ अन्य राज्यों की तर्ज पर अब छत्तीसगढ़ में भी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 31 प्रतिशत की मांग उठने लगी है।इसके लिए कर्मचारियों ने भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और 7 मार्च से आंदोलन की बड़ी तैयारी है।इधर पुरानी पेशन योजना बहाली की मांग भी तेज हो चली है।
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दरअसल, केन्द्र की मोदी सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 31% कर दिया है और अब इसे बढ़ाकर 34% करने की तैयारी में है। वही अन्य राज्यों में केन्द्र की तर्ज पर महंगाई भत्ता 31% कर दिया गया है, लेकिन मध्य प्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों (Government Employee) को अब कम महंगाई भत्ता मिल रहा है, जिसके चलते कर्मचारियों में आक्रोश पनपने लगा है।
इसके लिए हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य के मंत्रालय, संचालनालय एवं समस्त कार्यालयीन कर्मचारियों, अधिकारियों, शिक्षको के संयुक्त फोरम द्वारा मंहगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा की बैठक की गई है, जिसमे तय किया गया है कि 7 मार्च को प्रदेश के पांच लाख कर्मचारी जिला, तहसील मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपेंगे। कर्मचारियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारी, अधिकारियों को मात्र 17 प्रतिशत डीए दिया जा रहा है जबकि केंद्र व अन्य राज्यों में 31 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है।
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वही गृह भाड़ा भत्ता छठवें वेतनमान के आधार पर दिया जा रहा है, जबकी महंगाई चरम पर है, ऐसे में प्रदेश भर के कर्मचारी , अधिकारी मंहगाई भत्ता व HRA की मांग को लेकर संघर्ष करने को मजबूर है।देश में सबसे कम डीए छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को मिल रहा है और केंद्र से हम 14 प्रतिशत छत्तीसगढ़ के कर्मचारी पीछे हैं। कर्मचारियों की मांग है कि लंबित 14 प्रतिशत महंगाई भत्ता (DA) को एरियर सहित तत्काल प्रदान किया जावे तथा गृह भाड़ा भत्ता (HRA) को सातवें वेतनमान के आधार पर पुनरीक्षित किया जावे।
आंदोलन का पूरा चरण
- 7 मार्च को पैदल मार्च जिला स्तर पर ज्ञापन।
- 11 मार्च धरना देकर पैदल मार्च कर मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन।
- 11 से 13 अप्रैल तक प्रदेश के सभी कर्मचारी-अधिकारी सामूहिक अवकाश लेकर जिला, ब्लाक मुख्यालय में प्रदर्शन करते हुए मंत्रालय, संचालनालय, कलेक्टोरेट समेत अन्य शासकीय कार्यालयों में कार्य अवरुद्ध करेंगे।
- तीनों चरण उपरांत मांग पूरी नही होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की जाएगी।
- इस मुहिम में मंत्रालय संचालनालय से लेकर मैदानी स्तर तक के सभी संवर्ग के कर्मचारी शामिल होंगे और आंदोलन को समर्थन देंगे।