छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर में संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 25 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने इस संबंध में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर शीघ्र कार्यवाही की अनुशंसा की है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग और संबंधित अधिकारियों को तत्काल निर्देश जारी करने का आग्रह किया। डॉ. सिंह ने कहा कि यह प्रतिमा न केवल बाबा साहेब को सम्मान देगी, बल्कि सामाजिक समता, न्याय और लोकतांत्रिक मूल्यों की प्रेरणा का प्रतीक बनेगी।
डॉ. रमन सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि छत्तीसगढ़ ने अपने 25 वर्षों की यात्रा में स्वतंत्रता, समता, न्याय और बंधुत्व के सिद्धांतों के साथ उल्लेखनीय प्रगति की है। बाबा साहेब की प्रतिमा इन मूल्यों को और मजबूत करेगी, साथ ही भावी पीढ़ियों को समावेशी विकास और लोकतंत्र के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने जोर दिया कि यह पहल छत्तीसगढ़ की समावेशी और संवेदनशील छवि को राष्ट्रीय स्तर पर और सशक्त करेगी।
छत्तीसगढ़ उनके विचारों से हुआ प्रेरित
यह प्रस्ताव डॉ. अंबेडकर वेलफेयर सोसाइटी (AWS) की ओर से आया, जिसके चेयरमैन दिलीप वासनीकर और प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने राज्य स्थापना के रजत महोत्सव वर्ष में प्रतिमा स्थापना को सामाजिक समता और लोकतांत्रिक मूल्यों के संवर्द्धन की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। उल्लेखनीय है कि 12 दिसंबर 1945 को बाबा साहेब रायपुर आए थे और वर्तमान माधवराव सप्रे शाला परिसर में एक ऐतिहासिक जनसभा को संबोधित किया था, जिसने छत्तीसगढ़ को उनके विचारों से प्रेरित किया।
बाबा साहेब की प्रतिमा छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय
विधानसभा अध्यक्ष ने इस पहल का पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि बाबा साहेब की प्रतिमा छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय होगी। यह न केवल उनके योगदान को सम्मान देगी, बल्कि राज्य को सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को विश्व में प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगी। यह कदम छत्तीसगढ़ के रजत महोत्सव को और भी यादगार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।





