रायपुर, डेस्क रिपोर्ट। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर सख्ती करना शुरू कर दिया है।सरकार ने एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत हड़ताल में शामिल नहीं हुए कर्मचारियों को पिछली हड़ताल के दिनों का वेतन जारी किया जाएगा, वहीं हड़ताल में शामिल कर्मचारियों पर साल 2006 में जारी एक शासकीय परिपत्र के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों और कलेक्टरों को निर्देश जारी किए गए है।सामान्य प्रशासन विभाग की ओर ये आदेश जारी किया गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी विभागाध्यक्षों एवं कलेक्टर्स को निर्देश जारी कर कहा गया है कि विभिन्न कर्मचारी संगठनों के आव्हान पर जो कर्मचारी विगत 25 जुलाई से 29 जुलाई 2022 तक की अवधि में हड़ताल में थे एवं वर्तमान में हड़ताल में शामिल नहीं हुए हैं, उन्हें 25 जुलाई से 29 जुलाई 2022 तक हड़ताल अवधि को अवकाश स्वीकृत करते हुए वेतन भुगतान किया जाए।
जारी निर्देश में कहा गया है कि जो कर्मचारी 25 जुलाई से 29 जुलाई तक हड़ताल में थे एवं 22 अगस्त 2022 से निरंतर हड़ताल में हैं उनकी अनुपस्थिति के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 10 अप्रैल 2006 को जारी परिपत्र के अनुसार कार्यवाही की जाए। उक्त परिपत्र में जारी निर्देश के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
बिना पूर्व स्वीकृति के सामूहिक अवकाश पर जाने की दशा में अथवा हड़ताल का वेतन इत्यादि देय नहीं होगा न ही इस प्रकार की अनुपस्थिति के दिवसों का अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। ऐसे दिवसों की अवधि का कोई वेतन इत्यादि देय नहीं होगा और इस अवधि को ब्रेक-इन-सर्विस माना जाएगा।उपरोक्त के अतिरिक्त जब कभी शासकीय सेवकों द्वारा उक्त प्रकार के कृत्य किए जाए तो ऐसे घोर अनुशासनहीनता करने वालों के विरूद्ध गुणदोषों के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश सक्षम अधिकारी दे सकेंगे।