CG Misabandi Pension : छत्तीसगढ़ के मीसा बंदियों के लिए राहत भरी खबर है। भाजपा सरकार ने अपना वादा निभाते हुए मीसा बंदियों की पेंशन फिर से शुरू कर दी है।इसके साथ ही राज्य की विष्णुदेव सरकार ने 35 करोड़ रुपये संबंधित जिलों को जारी कर दिए गए हैं। खास बात ये है कि सरकार ने इन पेंशनरों को 5 साल का एरियर भी एकमुश्त देने का फैसला किया गया है।
पिछले दोनों आदेश निरस्त, राशि जारी
दरअसल, छत्तीसगढ़ में 2018 से पहले डॉ. रमन सरकार के दौरान मीसा बंदियों को पेंशन दिया जाता था लेकिन 2018 में जैसे ही कांग्रेस सत्ता (भूपेश बघेल सरकार) में आई मीसा बंदियों को पेंशन देना बंद कर दिया गया। अब 2023 में फिर सत्ता में आई भाजपा सरकार ने इसे शुरू करने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने कांग्रेस सरकार की दोनों अधिसूचनाओं (जनवरी जुलाई 2020 ) को निरस्त कर 2018 की स्थिति में 430 लोकतंत्र सेनानियों/आश्रितों को प्रतिवर्ष करीब 9 करोड़ रुपए की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी।
पेंशन के साथ एरियर का भी होगा भुगतान
आदेश के तहत पेंशन के अलावा पिछले 5 साल का बकाया भुगतान भी किया जाएगा। इसके लिए साढ़े 35 करोड़ रुपये सदस्यों की संख्या के अनुपात से जिलों को जारी कर दिए गए हैं।इसके तहत एक माह से कम अवधि के निरूद्ध व्यक्तियों को 8 हजार , एक से 5 माह तक जेल में रहे व्यक्तियों को 15 हजार और 5 माह या उससे अधिक समय तक जेल में रहे व्यक्तियों को 25 हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा। सम्मान राशि बंद होने से लेकर पुनः प्रारंभ होने तक की अवधि की एरियर्स राशि 01 नवम्बर 2024 को प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
कौन है मीसा बंदी?
- मीसा (MISA) यानी, आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम (Maintenance of Internal Security Act)। जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में देश में आपातकाल लागू किया गया था। इस दौरान गैर कांग्रेसी नेताओं और आपातकाल का विरोध करने वालों को जबरन जेल में बंद कर दिया गया था।
- भाजपा सरकार के दौरान इन मीसाबंदियों को लोकतंत्र सेनानी नाम देते हुए जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि के तहत पेंशन शुरू की गई।छत्तीसगढ़ के राजनैतिक या सामाजिक कारणों से मीसा/DIR के अधीन निरूद्ध व्यक्तियों को सम्मान राशि प्रदान करने के लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम-2008 बनाया गया था।