DA Hike : कर्मचारियों को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा, महंगाई भत्ता बढ़ा, सीएम ने की घोषणा, जानें कब खाते में बढ़कर आएगी सैलरी?

छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के हित में दीपावली के पूर्व बड़ा निर्णय लेते हुए उनके मंहगाई भत्ता को 46% से बढ़ाकर 50% किए जाने का निर्णय लिया है।

DA hike 2024

CG Employees DA Hike 2024 : छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए खुशखबरी है। राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने दिवाली से पहले अपने कर्मचरियों को डीए की सौगात दी है।आज बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक से पहले सीएम विष्णुदेव साय ने राज्य के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया है।

इस फैसले के बाद अब राज्य कर्मचारियों का डीए 46% से बढ़ाकर 50% हो गया है। नई दरें 01 अक्टूबर 2024 से लागू होंगी, ऐसे में नवंबर से खाते में सैलरी बढ़कर आएगी।इसका लाभ राज्य के 3 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को मिलेगा।सीएम द्वारा डीए बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई।

दिवाली से पहले कर्मचारियों का डीए बढ़ा

छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के हित में दीपावली के पूर्व बड़ा निर्णय लेते हुए हमने उनके मंहगाई भत्ता को 46% से बढ़ाकर 50% किए जाने का निर्णय लिया है।01 अक्टूबर से राज्य के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा।हम सबको साथ लेकर सबका विकास करने की अपनी नीति पर अटल हैं।हमारे कर्मचारी परिवार को हार्दिक बधाई एवं अशेष शुभकामनाएं!

डीए वृद्धि में देरी से कर्मियों में बढ़ रही थी नाराजगी

दरअसल, कर्मचारियों एवं पेंशनरों को चुनावी घोषणा पत्र में मोदी की गारंटी के तहत केंद्र के समान DA और एरियर्स राशि को GPS खाते में समायोजित करने का वादा किया गया था, इसको लेकर CM, वित्त मंत्री और मुख्य सचिव को 31 जुलाई को ज्ञापन भी दिया गया था। इसके बाद अगस्त में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने चर्चा के बाद 1 जनवरी 2024 से देय 4% DA/DR का आश्वासन दिया गया था, लेकिन दशहरे तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है,जिसके चलते कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ती जा रही थी और उन्होंने सरकार के खिलाफ फिर मोर्चा खोलने की तैयारी कर रखी थी, लेकिन इसके पहले ही सीएम साय ने डीए की घोषणा कर दी है।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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