Old Pension Scheme : पुरानी पेंशन योजना को लेकर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल का बड़ा बयान सामने आया है। सीएम ने केंद्र सरकार से पेंशन निधि के पैसे लौटने की मांग की।उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि राज्य के कर्मचारियों के पेंशन की 17 हजार 240 करोड़ रुपये की राशि को वे हर हाल में लेकर रहेंगे। उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के कर्मचारियों के लिए लागू की गई पुरानी पेंशन योजना को रोकने के लिए केंद्र सरकार ऐसा कर रही है।
दरअसल, 5 महीने पहले भूपेश बघेल ने इस राशि की वापसी की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा था। इसमें आग्रह किया गया था कि नई पेंशन स्कीम के तहत राज्य सरकार के योगदान की कुल राशि (नियोक्ता और कर्मचारी संयुक्त हिस्सेदारी) का वर्तमान बाजार मूल्य 17 हजार 240 करोड़ रुपये है, जो छत्तीसगढ़ सरकार को लौटाई जाए। इस पर केन्द्र ने जवाब देते हुए राशि देने के इंकार कर दिया। बघेल का कहना है कि पैसा क्यों नहीं दिया जाएगा, इसका कारण भी नहीं बताया।
केन्द्र से मांगे 17240 बकाया
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में नई पेंशन योजना एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक लागू रही। इस दौरान एनएसडीएल को 1 नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक कुल 11850 करोड़ हस्तांतरित किए गए। वर्तमान में इस राशि का मूल्य लगभग 17240 करोड रुपए हो गया है। राज्य सरकार ने इन सभी तथ्यों के आधार पर पेंशन निधि विनियामक व विकास प्राधिकरण से राशि वापस करने का अनुरोध किया था।
मई में मिली थी मंजूरी
बता दे कि भूपेश बघेल सरकार ने एक मई 2022 की कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के निर्णय को मंजूरी दी थी। इसके बाद राजपत्र में इसकी अधिसूचना प्रकाशित कर दी गई है। कर्मचारियों के नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) खातों में नियोक्ता और कर्मचारी का मासिक अंशदान भी एक अप्रैल 2022 से बंद कर दिया गया है।