रायगढ़, डेस्क रिपोर्ट। छत्तीसगढ के रायगढ़ जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सहारा इंडिया कंपनी (Sahara India) के मैनेजर अमृत श्रीवास की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। श्रीवास पर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी जिसके बाद श्रीवास ने अग्रिम जमानत के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पास याचिका दायर की थी। छत्तीसगढ़ में रायगढ़ की पुलिस ने सहारा इंडिया कंपनी के खिलाफ मिली शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की थी और जांच के बाद पाया गया था कि कंपनी निवेशकों का धन परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद भी वापस नहीं कर रही है। ऐसे ही एक मामले में 40 लाख रुपए निवेशकों से जमा करा लिए गए लेकिन परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद भी पैसे वापस नहीं किए गए।
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इस पर विकास कुमार निगानिया नामक व्यक्ति ने शिकायत की और पुलिस ने जांच करने के बाद सहारा इंडिया सोसाइटी कंपनी के डायरेक्टर डीके अवस्थी, मैनेजर कुलदीप पांडे, अमृत श्रीवास, एसके चंद्रा सहित अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 120 बी और 4,5,6 छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों का संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
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इसी मामले में 30 सितंबर को सेक्टर मैनेजर अमृत श्रीवास ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश श्रीवास्तव की कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी और उसमें यह निवेदन किया था कि उसे थाना कोतवाली द्वारा पंजीबद्ध अपराध में आरोपी बनाया गया है जबकि वह निर्दोष है और उसे गलत आरोप में फंसाया जा रहा है। वह ना तो कंपनी का डायरेक्टर है और न चेयरमैन। वह केवल कमीशन पर रोजगार का कार्य इस कंपनी में कर रहा है। उसे 2018 में 6-6 महीने के लिए कंपनी में मैनेजर के रूप में नियुक्त किया गया है और सैलरी बेसिस पर काम करता है। लेकिन शिकायतकर्ता ने 24 दस्तावेजों के साथ इस पूरे मामले में आपत्ति दर्ज कराई। दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सेक्टर मैनेजर अमृत श्रीवास के अग्रिम जमानत आवेदन को रिजेक्ट कर दिया है।