राज्य सरकार का बड़ा फैसला, संविदा कर्मियों को मिलेगा 30 दिन का अवकाश, इन्हें पेंशन-एरियर का लाभ, अनुकंपा नियुक्ति पर भी अपडेट

सर्वविभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ एवं मनरेगा कर्मचारी महासंघ द्वारा की गई मांग को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने संविदा पर नियुक्त कर्मचारी को 18 दिनों के आकस्मिक अवकाश के स्थान पर 30 दिनों के आकस्मिक अवकाश देने का फैसला किया है।

Pooja Khodani
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CG Contract Employees Holiday/ MISA Pension : होली से पहले छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने संविदा कर्मचारियोंऔर मीसाबंदियों की पेंशन को लेकर 2 बड़े फैसले लिए है। इसके तहत अब लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) की सम्मान निधि फिर से बहाल होगी और बकाया राशि का भी भुगतान नवंबर 2024 से प्रदान किया जाएगा। वही छत्तीसगढ़ सिविल सेवा के तहत संविदा पर नियुक्त कर्मचारी को 18 दिनों के आकस्मिक अवकाश के स्थान पर 30 दिनों के आकस्मिक छुट्टी दी जाएगी। इसके अलावा अनुकंपा नियुक्ति को लेकर भी अहम निर्णय लिया गया है।

संविदाकर्मियों को अब 30 दिनों के अवकाश का लाभ

  • छत्तीसगढ़ सर्वविभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ एवं  मनरेगा कर्मचारी महासंघ द्वारा की गई मांग को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 के नियम 13 (1) में आंशिक संशोधन किया गया, जिसके तहत संविदा पर नियुक्त कर्मचारी को 18 दिनों के आकस्मिक अवकाश के स्थान पर 30 दिनों के आकस्मिक अवकाश की पात्रता होगी।वही संचालनालय रोजगार एवं प्रशिक्षण द्वारा 46 संविदा प्रशिक्षण अधिकारी की संविदा सेवा में वृद्धि/नवीनीकरण करने का निर्णय लिया गया।
  • अनुकम्पा नियुक्तियों के आवेदकों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि कलेक्टर कार्यालय में अग्रेषित होकर आवेदन प्राप्त होने पर जिला कलेक्टर द्वारा जिले में अधीनस्थ कार्यालयों में अनुकम्पा नियुक्ति हेतु रिक्त पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने की कार्यवाही की जाएगी।
  • जिले में किसी भी कार्यालय में अनुकम्पा नियुक्ति के रिक्त पद उपलब्ध न होने पर आवेदन संभागीय आयुक्त कार्यालय में प्रेषित किया जाएगा। संभागीय आयुक्त अपने अधीनस्थ जिले जहां पर पद रिक्त होंगे उस जिले के कलेक्टर को प्रकरण अग्रेषित करेंगे। निर्धारित समय सीमा के भीतर अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण कलेक्टर और संभाग आयुक्त द्वारा किया जाएगा।

मीसाबंदियों को नवबंर 2024 से पेंशन, बकाए का भी भुगतान

  • कैबिनेट बैठक में लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) की सम्मान निधि को फिर से प्रारंभ करने और बकाया राशि प्रदान करने का फैसला लिया गया है। प्रदेश में 2018 की स्थिति में 430 लोकतंत्र सेनानियों/आश्रितों को प्रतिवर्ष करीब 9 करोड़ रू की सम्मान राशि प्रदान की जाती थी।
  • एक माह से कम अवधि के निरूद्ध व्यक्तियों को 8000 रू प्रतिमाह, एक से 5 माह तक के निरूद्ध व्यक्तियों को 1500 रू प्रतिमाह तथा 5 माह तथा अधिक निरूद्ध व्यक्तियों को 25000 रू प्रतिमाह दिया जाता था। भारत में घोषित आपातकाल के दौरान छग के राजनैतिक या सामाजिक कारणों से मीसा/DIR के अधीन निरूद्ध व्यक्तियों को सम्मान राशि प्रदान करने के लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम-2008 बनाया गया था। जिसे सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 23 जनवरी और 29 जुलाई 2020 को निरस्त कर दिया गया था।
  • अब उच्च न्यायालय द्वारा 26 मई 2020 को पारित आदेश के परिपालन में उपरोक्त दोनों अधिसूचनाओं को निरस्त करते हुए लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) की सम्मान निधि को फिर से प्रारंभ करने और बकाया राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया।अर्थात पूर्व अनुसार प्रतिमाह सम्मान राशि पुनः प्रारंभ की जाती है एवं सम्मान राशि बंद होने से लेकर पुनः प्रारंभ होने तक की अवधि की एरियर्स राशि 01 नवम्बर 2024 को प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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