भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में बढ़ते कोरोना संक्रमण (Corona infection) ने लोगों को पहले ही परेशान कर रखा था। और अब रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) की किल्लत ने लोगों को और ज्यादा परेशान कर दिया है । मार्केट में इंजेक्शन की शॉर्टेज ने जनता में हाहाकार मचा रखा है जिसको देखते हुए सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर नई गाइडलाइन (Guideline) जारी कर दी है।
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प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की बढ़ती मांग को लेकर सरकार ने यह फैसला किया है कि अब हर कोरोना पेशेंट को यह इंजेक्शन नहीं दिया जाएगा। यह इंजेक्शन सिर्फ उन मरीजों को दिया जाएगा, जिन्हें इलाज के दौरान हर दिन 5 लीटर से ज्यादा ऑक्सीजन (Oxygen) दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने जानकारी देते हुए बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल सरकारी स्तर पर कभी नहीं किया गया है लेकिन ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (AIIMS) दिल्ली ने कोरोना के लिए रिवाइज ट्रीटमेंट प्रोटोकोल (Revise treatment protocol) जारी किया था। जिसके मुताबिक जो भी मरीज 5 लीटर से ज्यादा ऑक्सीजन लेता है उन्हें इंजेक्शन दिया जा सकता है और इसी के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के इलाज में इस प्रोटोकॉल के मद्देनज़र इंजेक्शन के आदेश जारी किए हैं।
बता दें कि इंदौर भोपाल जैसे प्रदेश के बड़े शहरों में इस इंजेक्शन का स्टॉक खत्म हो चुका है। जिसके कारण मरीजों के परिजन 2 से 3 गुना बढ़े दामों में भी इंजेक्शन खरीदने को तैयार है जिसके बाद भी उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है। वही सुलेमान का कहना है कि सरकार ने एक लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने की तैयारी कर ली है और 60 हज़ार डोज के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है। अब देखना होगा कि सिमित मरीजों के लिए इंजेक्शन के आदेश बाद क्या सभी को इसका फायदा मिल पायेगा या फिर लोग ऐसे ही सडकों और बाजारों पर इंजेक्शन और इलाज के लिए भटके रहेंगे।
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