Elivsh Yadav Arrest: एल्विश यादव को रेव पार्टी में सांपों के जहर सप्लाई करने की वजह से जेल भेज दिया गया है। एल्विश को जमानत मिल सके इसके लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के वकील जुटे हैं। दरअसल एल्विश के लिए एनडीपीएस एक्ट की धारा-27ए परेशानी की सबब बन गई है। आइए जानते हैं क्या है ये NDPS एक्ट, ये कब आया और इससे जुड़े सजा के क्या प्रावधान है।
क्या है NDPS एक्ट
NDPS का पूरा नाम नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस है। इस एक्ट के तहत नशीली दवाइयों या नशीली पदार्थ के उत्पादन पर रोक है। साथ ही उनके विनिर्माण, खेती, कब्जा, ब्रिकी, खरीद या सेवन करने पर यह एक्ट लगाया जाता है। ये एक्ट फिलहाल एल्विश यादव पर रेव पार्टी में सांपों के जहर सप्लाई करने की वजह से लगाया गया है। जो उनके लिए परेशानी की वजह बनता जा रहा है।
कब आया NDPS एक्ट
बता दें कि एनडीपीएस एक्ट साल 1985 में सबसे पहले आया। इस एक्ट को देश में किसी भी नशीले पदार्थ की रोकथाम के लिए बनाया गया था। इस एक्ट में नशीले पदार्थ का प्रोडक्शन, स्टोरेज, बिक्री आदि शामिल है। इस एक्ट के तहत सजा का निर्धारण किस प्रकार का नशीला पदार्थ है और उसकी मात्रा कितनी है इस पर निर्भर करता है। इस एक्ट के बनने के बाद ही साल 1986 में नारकोटिक्ट कंट्रोल ब्यूरो की स्थापना हुई थी।
क्या है सजा के प्रवाधान
एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी की सजा को लेकर अलग-अलग प्रावधान है। एनडीपीएस एक्ट के तहत उन्हें जमानत मिल जाती है जिन्होंने सिर्फ नशीले पदार्थ का सेवन किया है। साथ ही वो किसी भी प्रकार के व्यापार में शामिल नहीं है। ड्रग्स कम मात्रा में लिया गया हो तो 1 साल कैद और जुर्माना का प्रावधान है। इसके व्यापार में शामिल व्यक्ति को 10 से 20 साल तक की सजा हो सकती है और दो लाख रुपये का जुर्माना। एनडीपीएस एक्ट के मामले में सिर्फ उन्हें ही जमानत मिलती है जो व्यापार में शामिल न होकर सिर्फ इसका इस्तेमाल किए।