Pankaj Udhas Passed Away: 72 साल की उम्र में सिंगर पंकज उधास ने ली अंतिम सांस, लंबे समय से चल रहे थे बीमार

पद्म श्री पंकज उधास का निधन 26 फरवरी 2024 को हो गया। आपको बता दें उनका निधन ब्रीच कैंडी अस्पताल में सोमवार की सुबह करीब 11 बजे हुआ था।

Shashank Baranwal
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Pankaj Udhas Passed Away:  मनोरंजन की दुनिया के लिए इस वक्त की बुरी खबर सामने आई है। दरअसल, मशहूर गायक पंकज उधास का आज 72 साल की उम्र में निधन हो गया। सूत्रों के मुताबिक, वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 10 दिन पहले ही अस्पताल में इलाज के लिए एडमिट हुए थे और आज उन्होंने सभी को अलविदा कह दिया है। जिसकी जानकारी उनकी बेटी नायाब उधास ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए दी है। वहीं, उनका अंतिम संस्कार मंगलवार 27 फरवरी को किया जाएगा।

परिवार ने पोस्ट शेयर कर दी जानकारी

पंकज उधास के निधन की जानकारी उनके परिवार वालों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करके दी। पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि बड़े दुख के साथ यह सूचित करना पड़ रहा है कि पद्म श्री पंकज उधास का निधन 26 फरवरी 2024 को हो गया। आपको बता दें उनका निधन ब्रीच कैंडी अस्पताल में सोमवार की सुबह करीब 11 बजे हुआ था।

6 साल की उम्र में ही संगीत के करियर की हुई शुरूआत

पंकज उधास के घर में संगीत का माहौल था, जिसके कारण 6 साल की छोटी उम्र में ही उनका संगीत करियर शुरू हो गया था। वहीं पंकज उधास ने एक बार बताया था कि उन्होंने स्कूल में प्रार्थना से ही अपने करियर की शुरूआत किया था।

साल 1980 में आया था पहला एल्बम

मशहूर सिंगर पंकज उधास अपने गजल गायिकी के काफी जाने जाते हैं। वहीं उनका पहला एल्बम आहट साल 1980 में आया था, जिसमें उन्होंने ढ़ेर सारी गजलें गाईं थी। आपको बता दें उनके गाए कई गजले फेमस हुए थे। जिसमें चिट्ठी आई है…, न कजरे की धार, न मोतियों की धार…, जिएं तो जिएं कैसे बिन आपके…, चांदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसा बाल… शामिल हैं।

ये है उनकी निजी जिंदगी

आपको बता दें पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जीतपुर में हुआ था। वहीं साल 2006 में उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। वहीं उन्होंने मुस्लिम लड़की से शादी की थी, जिनका नाम फारिदा है, दोनों की तीन बेटियां हैं।

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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